ग्वालियर (Gwalior) में हिंदू महासभा (Hindu Mahasabha) के कार्यकर्ताओं ने रविवार को महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के हत्यारों, नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) और नारायण आप्टे की 71वीं पुण्यतिथि को ‘बलिदान दिवस’ के रूप में मनाया. महात्मा गांधी की हत्या करने के जुर्म में गोडसे और आप्टे को 15 नवंबर 1949 को अंबाला जेल में फांसी दे दी गई थी.
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ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हिंदू महासभा ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रशासन द्वारा कुछ साल पहले जब्त की गई मूर्ति को वापस किए जाने की मांग की और साथ ही धमकी दी कि मूर्ति नहीं लौटाने की स्थिति में दूसरी मूर्ति लगा दी जाएगी. हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयवीर भारद्वाज ने रविवार को बताया कि प्रशासन से आग्रह किया गया है कि साल 2017 में जब्त गोडसे की मूर्ति को वापस किया जाए, जिससे वे उसे अपने ऑफिस में स्थापित कर सकें.
जयवीर भारद्वाज ने धमकी दी, ‘अगर प्रशासन नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) की मूर्ति नहीं लौटाता है तो हिंदू महासभा (Hindu Mahasabha) के कार्यकर्ता दूसरी मूर्ति कार्यालय में स्थापित कर लेंगे और ये काम अगले साल 19 मई तक हो सकता है.’ उल्लेखनीय है कि नवंबर 2017 में दौलतगंज स्थित हिंदू महासभा के कार्यालय में कार्यकर्ताओं ने गोडसे की मूर्ति स्थापित करके एक मंदिर बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन प्रशासन ने इस प्रयास को विफल करते हुए मूर्ति को जब्त कर लिया था.
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ग्वालियर में हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने रविवार को महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के हत्यारों, नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे की 71वीं पुण्यतिथि को ‘बलिदान दिवस’ के रूप में मनाया. महात्मा गांधी की हत्या करने के जुर्म में गोडसे और आप्टे को 15 नवंबर 1949 को अंबाला जेल में फांसी दे दी गई थी और इस दिन को हिंदू महासभा के कार्यकर्ता 'बलिदान दिवस' के रूप में मनाते हैं.
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