ग्रामीणों ने फसलों की क्षति का आंकलन करके भरपाई की मांग की है. सोयाबीन, अरहर, गन्ना, मक्के की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है.
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नासिक: भारी बारिश के बाद गोदावरी नदी पूरे उफान पर है. नदी में बाढ़ आने के चलते नासिक के सायखेडा और चांदोरी गांव में फसल बर्बाद हो गए हैं. इन सायखेडा और चांदोरी गांव के खेतों में पानी घुस गया है. बाढ़ के पानी से फसलों को काफी नुकसान हुआ है. ग्रामीणों ने फसलों की क्षति का आंकलन करके भरपाई की मांग की है. सोयाबीन, अरहर, गन्ना, मक्के की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. किसान अब सरकार से जल्द मदद की उम्मीद लगाए हुए हैं. किसानों का कहना है की फसल में उनको हजारों रुपए का नुकसान होता है, लेकिन सरकार की तरफ से काफी कम मुआवजा मिलता है.
अंगूर के बाग में भी बाढ़ का पानी घुस गया है. ऐसे में किसानों कि नजरें अब सरकार पर टिकी है. सायखेडा गांव के किसान संजय बरवे ने बताया, 'मेरी छह एकड़ फसल पानी के चलते बर्बाद हो गई है. इस साल गोदावरी मे आई बाढ़ ने सब कुछ तबाह कर दिया है.' सोयाबीन, मक्का, अरहर की फसल बाढ़ के पानी में बर्बाद हुई है. फसलों के क्षति का आकलन सरकार को जल्द करना चाहिए. हमें जल्द मुआवजा मिलना चाहिए.
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वहीं चांदोरी गांव के किसान किशोर हिरे ने बताया, मेरी पांच एकड़ जमीन पर फसल बर्बाद हो गए हैं. मुझे इन फसलों पर 80 हजार रुपए का खर्च आया था. बाढ़ का पानी कम होते ही हमारी फसल सड़ जाएगी. सरकार जल्द फसलों के नुकसान का आकलन करे और हमे मुआवजा दे.
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चांदोरी गांव के ही किसान भाऊसाहेब जाधव ने कहा, 'इस साल कि बाढ़ ने सबकुछ बर्बाद कर दिया. मेरी 6 एकड़ जमीन है, जिसमें सोयाबीन, मक्का, गन्ना की फसल लगी हुई है. इन फसलों के लिए मैंने 1 लाख 20 हजार रुपए खर्च किए हैं. लेकिन जब सरकार फसलों के नुकसान का आकलन करती है, तब सिर्फ 5 से 7 हजार का मुआवजा देती है.'