नगा वार्ता के वार्ताकार आरएन रवि ने गुरूवार को एक संसदीय समिति को बताया कि सरकार ने एनएससीएन-आईएम के साथ समझौते की एक रूपरेखा पर दस्तखत किए हैं.
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इंफाल: मणिपुर में कांग्रेस को छोड़कर बाकी सभी पार्टियों ने रविवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की, ताकि 2015 में केंद्र और नेशनलिस्ट सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (एनएससीएन-आईएम) द्वारा कथित तौर पर हस्ताक्षरित समझौते की रूपरेखा (फ्रेमवर्क एग्रीमेंट) पर चर्चा की जा सके. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, नगा वार्ता के वार्ताकार आरएन रवि ने गुरूवार को एक संसदीय समिति को बताया कि सरकार ने एनएससीएन-आईएम के साथ समझौते की एक रूपरेखा पर दस्तखत किए हैं. समझौते की रूपरेखा पर दस्तखत तब हुए जब एनएससीएन-आईएम 'विशेष दर्जे' के साथ भारतीय परिसंघ के भीतर ही मामले को सुलझाने पर सहमत हुआ.
खबरों के मुताबिक, रवि ने समिति को बताया था कि सरकार ने इसे समझौते की रूपरेखा करार दिया और उस पर दस्तखत किए गए. भाकपा के राज्य सचिव एल सोतिन कुमार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय में आज की बैठक में फैसला किया गया कि नगा मुद्दे पर केंद्र के समझौते की रूपरेखा का दखल मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता पर नहीं होना चाहिए. भारत-म्यांमा सीमा मुद्दे पर सिंह ने कहा कि यह तय किया गया कि मणिपुर की सभी राजनीतिक पार्टियां विदेश मंत्रालय की उस टीम के साथ जाए जो 25 जुलाई को मणिपुर के टेंगनूपल जिले के क्वाथा गांव में विवादित सीमा के पिलर संख्या-81 का दौरा करेगी.
सिंह ने कहा कि विदेश मंत्रालय की टीम विवादित स्थल का निरीक्षण करेगी ताकि पता लगाया जा सके कि सीमा चौकी सही जगह पर बनाई गई कि नहीं. भाकपा नेता ने कहा कि कांग्रेस इस बैठक से दूर रही, क्योंकि उसका मानना है कि जिस तरह से चीजों से निपटा जा रहा है, वह सही नहीं है. आज हुई बैठक में कुल 17 पार्टियों ने हिस्सा लिया.
(इनपुट भाषा से)