कश्‍मीर में सेना ने एक साल में ढेर क‍िए 256 आतंकी, 9 से घटाकर 6 माह कर दी उम्र
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कश्‍मीर में सेना ने एक साल में ढेर क‍िए 256 आतंकी, 9 से घटाकर 6 माह कर दी उम्र

241 घाटी में मारे गए जबकि 15 नियंत्रण रेखा पार करने की कोशिश में मरे. पिछले साल पूरे साल में कुल 213 आतंकवादी सुरक्षा बलों की गोलियों का निशाना बने थे.

फोटो : पीटीआई

श्रीनगर : इस साल अब तक जम्मू-कश्मीर में मारे गए आतंकवादियों का आंकड़ा ढाई सौ से पार चला गया है, जबकि अभी ये साल खत्म होने में 10 दिन बाकी हैं. इनमें से 241 घाटी में मारे गए जबकि 15 नियंत्रण रेखा पार करने की कोशिश में मरे. पिछले साल पूरे साल में कुल 213 आतंकवादी सुरक्षा बलों की गोलियों का निशाना बने थे.

इस साल पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर में आतंकवादियों को धकेलने की घटनाओं में भी इज़ाफ़ा हुआ. इस बार कुल 59 बार घुसपैठ की कोशिश की गई, जिसमें कुल 302 आतंकवादी शामिल थे. सीमापार से 1562 बार फ़ायरिंग की गई जिसमें छोटे हथियारों से लेकर 120 मिमी के मोर्टार से हुए फ़ायर भी शामिल थे.

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साल भर में जम्मू-कश्मीर में अलग-अलग आतंकवादी घटनाओं में कुल 59 जवान और अधिकारी शहीद हो गए, इनमें से 25 की शहादत नियंत्रण रेखा पर हुई. इन सबकी शहादत स्नाइपर हमले, BAT हमले और सीमापार से हो रही फ़ायरिंग से हुई. मारे गए आतंकवादियों की इतनी बड़ी तादाद इस साल से पहले केवल 2010 में पहुंची थी, जब 232 आतंकवादी सेना की गोलियों से ढेर हुए थे. सुरक्षा बलों के जबरदस्त ऑपरेशन की बदौलत दक्षिण कश्मीर से हिज़बुल मुजाहिदीन के मुख्य कमांडरों का सफ़ाया हो गया.

मई में केवल दो हफ्तों में हिज़बुल मुजाहिदीन के सलीम टाइगर और सद्दाम पा़डर दोनों ही शोपियां में मारे गए. पत्रकार शुजात बुखारी का हत्यारा लश्करे तैयबा का आतंकवादी नवीद जट भी सेना से बच नहीं पाया. यही हाल जैशे मोहम्मद के मुखिया मौलाना मसूद अज़हर के भतीजे उस्मान हैदर का हुआ. उस्मान हैदर स्नाइपर था और उसे कश्मीर में बड़े टार्गेट्स को मारने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. हिज्बुल मुजाहिदीन के बड़े आतंकवादियों में केवल रियाज़ नाइकू और अपना अलग गिरोह बना चुका ज़ाकिर मूसा ही अब तक बचे हुए हैं. सुरक्षा बलों के लगातार ऑपरेशन से घाटी में सक्रिय आतंकवादियों की औसत उम्र 9 महीने से घटकर केवल 6 महीने रह गई.

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