पेड़ ने बचाई कई जिंदगियां, ITBP जवानों से भरी बस गिरी खाई में, 1 की मौत, 32 घायल
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पेड़ ने बचाई कई जिंदगियां, ITBP जवानों से भरी बस गिरी खाई में, 1 की मौत, 32 घायल

इस बस में बडगाम में पंचायत चुनावों के संपन्न होने के बाद आईटीबीपी की 32वीं बटालियन के जवान वापस जम्मू लौट रहे थे.

पेड़ ने बचाई कई जिंदगियां, ITBP जवानों से भरी बस गिरी खाई में, 1 की मौत, 32 घायल

जम्मूः कहते हैं, जब मृत्यु से ज्यादा जीवन प्रबल होता है आज यही देखने को उस वक़्त मिला जब जवानों से भरी बस जम्मू के रामबन में खाई में जा गिरी. रामबन में 35 जवानों से भरी एक सिविल बस सुबह करीब 8 बजे रामबन में खूनी नाला के पास एक खाई में जा गिरी. जिसमें 1 जवान की मृत्यु हो गई और 8 गंभीर रूप से घायल हैं जिन्हें हेलीकाप्टर से इलाज़ के लिए जम्मू लाया गया है, बस में बैठे 24 जवानों को भी बहुत चोटें आई हैं. यह बस सीधी 300 मीटर गहरी खाई में जा गिरती अगर बीच में पेड़ न होता और अंदेशा था कि ज्यादा जिंदगियों का नुकसान हो जाता.

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यह पेड़ दुर्घटना स्थल से लगभग 25 मीटर नीचे था और बस सड़क से नीचे उतरकर इस पेड़ पर जा टकराई जिससे बस की बॉडी दो हिस्सों में फट गई. इससे बस आगे नदी में नहीं गिरी जो लगभग 200 मीटर नीचे बह रही थी. अगर ऐसा हो जाता तो इसमें और भी जवानों की जान जा सकती थी.

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कश्मीर में अभी रात का तापमान शून्य से नीचे है और माना जा रहा है कि बस सुबह सड़क पर जमी बर्फ की पतली सतह पर टायर के फिसलने से बस पर इसका ड्राईवर नियंत्रण न रख सका और तेज गति से बस नीचे खाई की तरफ गिर गई.

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इस बस में बडगाम में पंचायत चुनावों के संपन्न होने के बाद आईटीबीपी की 32वीं बटालियन के जवान वापस जम्मू लौट रहे थे . इस बार राज्य में चुनावों के लिए केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों की 400 से ज्यादा कंपनियां तैनात की गई थीं, जिनमें से कुछ को इसके बाद वापस भेजा जा रहा है.

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इसी क्रम में इन बलों को राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करवाए गए सिविल वाहनों के जरिये यातायात करवाया जा रहा था . वैसे जांच के बाद ही दुर्घटना के कारणों का पता चल पायेगा लेकिन माना जा रहा है कि वाहन की हालत बहुत अच्छी नहीं थी. सुरक्षा बलों की शिकायत रहती है कि चुनावों आदि में उपलब्ध कराये गए कई वाहन बहुत पुराने होते हैं और इनमें यात्रा करना जोखिम से भरा होता है . ऐसे में रात में, ख़राब मौसम और परिस्थितियों में सुरक्षा बलों को खतरा मोल लेकर एक जगह से दूसरी जगह जाना पड़ता है .

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