जोधपुर: राष्ट्रीय गोकुल मिशन में कृत्रिम गर्भाधान से जन्मी पहली बछड़ी, नाम मिला 'लक्ष्मी'
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जोधपुर: राष्ट्रीय गोकुल मिशन में कृत्रिम गर्भाधान से जन्मी पहली बछड़ी, नाम मिला 'लक्ष्मी'

राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत पशुपालन विभाग फलोदी में गाय के कृत्रिम गर्भाधान बाद बछड़ी लक्ष्मी का जन्म हुआ है.

फलोदी में कृत्रिम गर्भाधान से एक बछड़ी का जन्म हुआ है.

अरूण हर्ष, जोधपुर: राष्ट्रीय गोकुल मिशन (National Gokul Mission) के तहत गायों (Cows) में किए गए कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination) के बाद सकारात्मक परिणाम (Postive Results) सामने आने लगे हैं. जोधपुर(Jodhpur) के फलोदी(Falaudi) में पहली बछड़ी का जन्म हुआ है. 

राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत पशुपालन विभाग फलोदी के नोडल क्षेत्र में गाय का कृत्रिम गर्भाधान कराया था. पार्षद हरिकिशन व्यास के घर गाय ने इस बछड़ी को जन्म दिया,जिसका नाम लक्ष्मी रखा गया है. 

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275 गायों का हुआ था कृत्रिम गर्भाधान
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत ''सेक्स शार्टेड पायलट प्रोजेक्ट'' के तहत फलोदी नोडल क्षेत्र में 275 गायों का कृत्रिम गर्भाधान किया गया था. जिनमें से 45 गायों का सफल गर्भधान हुआ.  

जानिए क्या है प्रक्रिया
पार्षद व्यास के मुताबिक गायों में गर्भाधान प्रतिशत कम होने की कई वजहें होती है. इस तकनीकी से 90 फीसदी बछड़ी का ही जन्म होता है. बछड़ी के जन्म के लिए इस तकनीकी में सीमन से एक्स गुणसूत्र के शुक्राणु को मशीन से अलग किया जाता है. इसके बाद सीमन को लिक्विड नाइट्रोजन में -197 डिग्री सेल्सियस तापमान में रखा जाता है. उसके बाद ही कृत्रिम गर्भाधान करवाया जाता है.

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