केरल हाई कोर्ट ने सबरीमला मंदिर में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया
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केरल हाई कोर्ट ने सबरीमला मंदिर में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया

पीठ ने अपने आदेश में कहा कि सिर्फ मंदिर के तंत्री (मुख्य पुरोहित) द्वारा निर्धारित जैविक रूप से नष्ट होने वाले उत्पाद ही श्रद्धालु मंदिर में अपने साथ ला सकते हैं. 

(फाइल फोटो)

कोच्चि : केरल हाई कोर्ट ने सोमवार को सबरीमला में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया, ताकि भगवान अय्यप्पा के प्रसिद्ध पहाड़ी मंदिर में पर्यावरण के अनुकूल तीर्थयात्रा सुनिश्चित की जा सके.  दो साल पहले उच्च न्यायालय ने घने जंगलों में स्थित प्रसिद्ध पहाड़ी मंदिर से जुड़े किसी भी स्थान पर प्लास्टिक की बोतलों या पैकेटों में पानी समेत किसी भी सामग्री की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था. 

न्यायमूर्ति पी आर रामचंद्र मेनन और न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि सिर्फ मंदिर के तंत्री (मुख्य पुरोहित) द्वारा निर्धारित जैविक रूप से नष्ट होने वाले उत्पाद ही श्रद्धालु मंदिर में अपने साथ ला सकते हैं. 

इस संबंध में सबरीमला विशेष आयुक्त द्वारा तैयार विशेष रिपोर्ट पर विचार करते हुए उच्च न्यायालय ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे मंदिर और इसके परिसर में नवंबर से शुरू होने वाली वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान प्लास्टिक पर प्रतिबंध को लागू करें. अदालत ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अन्य राज्यों के श्रद्धालुओं को उसके आदेश के बारे में अवगत कराएं. 

यह आदेश इस आशय की रिपोर्ट के मद्देनजर दिया गया कि पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील जंगलों में स्थित मंदिर में श्रद्धालुओं के अंधाधुंध प्लास्टिक का इस्तेमाल करने की वजह से पर्यावरण की गंभीर समस्याएं पैदा हो रही हैं. 

मध्य नवंबर से शुरू होकर दो महीने तक चलने वाली वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान मंदिर में विभिन्न राज्यों से हजारों श्रद्धालु आते हैं. 

(इनपुट -भाषा)

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