जिला न्यायाधीश एस पी गोंधालेकर ने बुधवार को जहीर सैय्यद को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास) और 452 (नुकसान पहुंचाने और हमले के मकसद से घर में जबरन घुसना) के तहत दोषी ठहराया.
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ठाणे : महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने 28 वर्षीय एक युवक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. उसे अपनी एक नाबालिग रिश्तेदार की हत्या करने के जुर्म में यह सजा सुनाई गई है जिसने उसका शादी का प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया था. जिला न्यायाधीश एस पी गोंधालेकर ने बुधवार को जहीर सैय्यद को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास) और 452 (नुकसान पहुंचाने और हमले के मकसद से घर में जबरन घुसना) के तहत दोषी ठहराया और उस पर 6,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया.
अभियोजन पक्ष के अनुसार, सैय्यद रिश्ते की अपनी 14 वर्षीय बहन से प्यार करता था और उससे शादी करना चाहता था. हालांकि, लड़की और उसके परिवार के सदस्यों ने यह तर्क देकर उसका विरोध किया कि वह नाबालिग है. अभियोजन पक्ष ने कहा कि वह अपने दो दोस्तों के साथ 3 नवंबर 2014 को मुंब्रा शहर में लड़की के घर गया और जब उसने फिर से उसके प्रस्ताव को ठुकरा दिया, तो उसने चाकू से उस पर 10 बार वार किया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.
उसके दो दोस्त मौके से भाग गए और जब लड़की के पिता ने उसे बचाने की कोशिश की, तो सैय्यद ने उनपर भी हमला कर दिया, जिससे वह घायल हो गए. सैय्यद को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया और उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया. अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से लड़की के पिता सहित 13 गवाहों को प्रस्तुत किया गया. न्यायाधीश ने सजा सुनाते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष ने सईद के खिलाफ लगे सभी आरोपों को साबित कर दिया है. अदालत ने सैय्यद के दोनों दोस्तों को संदेह का लाभ देते हुये उन्हें बरी कर दिया.
(इनपुटः भाषा)