मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को फोटोग्राफी से है प्यार, फुर्सत में खींचते हैं तस्वीरें
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मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को फोटोग्राफी से है प्यार, फुर्सत में खींचते हैं तस्वीरें

17 साल की उम्र में ही उद्धव ठाकरे ने फोटोग्राफी में माहिर बनने के लिए डिप्लोमा किया था.

उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के 18वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. (फोटो साभार: uddhavthackeray.com)

महाराष्ट्र : एक फोटोग्राफर, जिसका पैशन वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी और एरियल फोटोग्राफी है. उनके पास तमाम बड़े-छोटे एक्सपेंसिव कैमरा, अलग-अलग तरह के कैमरा लैंसेज का बड़ा कलेक्शन हैं. जी हां फोटोग्राफी में अपडेट रहने वाले 'डींगा' आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का ताज पहनने वाले हैं. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) यानी 'डींगा' का फोटोग्राफी के प्रति प्यार नया नहीं है.

17 साल की उम्र में ही उन्होंने फोटोग्राफी में माहिर बनने के लिए डिप्लोमा किया. कॉलेज के दिनों में ही वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी पर उनके कई एग्जिबिशन हुए हैं, लेकिन यह फोटोग्राफर किस तरह से राजनीति की तरफ मुख कर गया और 40 वर्ष से लगातार लोगों के बीच अपनी पैठ बनाकर रखी इसकी कहानी भी कम दिलचस्प नहीं. आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का ताज पहन रहा है. यह सच में काबिलेतारीफ है. उद्धव ठाकरे की फोटोग्राफी की कहानी आइए आपको बताते हैं...

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाए।

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'डींगा', उद्धव, उद्धव जी और छोटे साहेब जैसे शब्दों के साथ शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का परिचय शुरू होता है. मुंबई के जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स में 17 वर्ष की आयु में उद्धव ठाकरे एडमिशन लेते हैं, लेकिन किसी को भी यह नहीं पता होता कि वह बालासाहेब ठाकरे के पुत्र हैं. फोटोग्राफी के लिए अलग-अलग कैमरा लैंसेज का इस्तेमाल उनका शौक रहा. उद्धव के पास नए अपडेटेड कैमरा की लाइब्रेरी है. 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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उद्धव ठाकरे के बैचमेट रहे घनश्याम बेर्डे ने एक वाक्य ज़ी न्यूज़ के साथ शेयर किया, जिसमें उन्होंने बताया कि 1977 में जब बेर्डे ने निकॉन का कैमरा खरीदा था तो उस समय ब्लैक मार्केट से उन्होंने बिना रिसिप्ट का कैमरा खरीदा था. कैमरे के प्रति ठाकरे का प्यार जगजाहिर है. उद्धव ने बड़ी ही उत्सुकता से बेर्डे से उसी तरह का कैमरा मांगा, लेकिन रिसिप्ट के बिना वाला कैमरा लेना उद्धव ठाकरे को कतई मंजूर नहीं था और उन्होंने उसे नहीं खरीदा. 

पेशे से फोटोग्राफर सतीश मालवाड़े जो कि मातोश्री के पास ही रहते हैं का बचपन से अपने बड़े भाई के साथ बालासाहेब ठाकरे, उद्धव ठाकरे और ठाकरे परिवार के बीच उठना- बैठना रहा. सतीश मालवाड़े का यह कहना है कि उद्धव को फोटोग्राफी का बेहद शौक है और अभी भी इतनी बड़ी जिम्मेदारी को निभाते हुए भी महीने में तीन से चार दिन का वक्त वह अपनी फोटोग्राफी के लिए निकाल ही लेते हैं. फोटोग्राफी उनका पैशन है. सारी चीजें एक तरफ और फोटोग्राफी और नई टेक्नोलॉजी से अपडेट होना एक तरफ. मार्केट में जो भी नया कैमरा आता है वह उसे अपनी लाइब्रेरी में इकट्ठा कर लेते हैं. सतीश बताते हैं कि बालासाहेब की जो आइकोनिक फोटो है, जिसमें बालासाहेब अपनी खिड़की पर खड़े हैं और नीचे आम जनता को नमस्कार कर रहे हैं, उसी फोटो को खींचने के लिए सतीश उनके साथ खिड़की पर खड़े थे. ऐसे में ठाकरे ने न सिर्फ सपोर्ट किया बल्कि किस एंगल से फोटो खींचा जाए, यह भी बताया. सतीश कहते हैं कि आज जितने भी फोटोग्राफर हमें मिल रहे हैं, वे यही कह रहे हैं कि एक फोटोग्राफर महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बन गया है. 

जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स के डीन डॉ शीर सागर का मानना है कि उद्धव ठाकरे एक आम छात्र की तरह रहे. फोटोग्राफी में उनका कोई सानी नहीं था. उस समय उन्होंने महाराष्ट्र में टॉप किया था. फोटोग्राफी के प्रति उनका लगाव, प्यार उनकी द्वारा खींची गई तस्वीरों में नजर आता था. खासतौर पर वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी और एरियल फोटोग्राफी उनके इंटरेस्टिंग पहलू रहे हैं. कई एग्जिबिशन, किताबें उन्होंने अपनी फोटोग्राफी से निकाली हैं.  कहते हैं ना प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ दो अलग चीजें हैं. जहां सत्ता की जिम्मेदारी है वहीं अपने पैशन के प्रति ईमानदारी है. 

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