जम्मू-कश्मीर: पुलवामा में हुए आतंकी हमले से जुड़ी कड़ियां सुलझाने के लिए जांच एजेंसियां लगातार जांच-पड़ताल में जुटी हुई हैं. इसी कड़ी में पुलिस ने जांचकर्ता एक 19 वर्षीय युवक आरजू बशीर से पूछताछ कर रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आरजू ने 2017 में जम्मू-कश्मीर पुलिस से संपर्क कर यह दावा किया था कि जैश-ए-मोहम्मद ने उससे संपर्क कर एक वाहन का इस्तेमाल कर सेना के काफिले को उड़ाने का प्रस्ताव दिया था, जिसके बाद युवक ने ऐसा करने से मना कर दिया था. सूत्रों ने बताया कि जांचकर्ता पुलवामा में हुए आतंकी हमले को लेकर युवक आरजू बशीर और एक लाल रंग की ईको कार को महत्वपूर्ण कड़ी मान रहे हैं.


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ऐसे में जांचकर्ता अब यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि 'क्या बशीर से संपर्क करने वाले जैश के गुर्गों और आदिल डार को विस्फोटक मुहैया कराने वालों के बीच कोई संबंध है या नहीं.' पुलवामा में CRPF के जवानों पर हुए हमले को लेकर जांचकर्ता स्थानीय मदरसा के कुछ लोगों से भी पूछताछ कर रहे हैं, जहां आदिल 12वीं कक्षा की पढ़ाई खत्म करने के बाद जाता था. 


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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 'घटना से कुछ समय पहले ही बस नंबर 4 और 2 के जवानों ने आत्मघाती हमलावर आदिल डार को काफिले के करीब लाल ईको कार ड्राइव करते देखा था, वह लगातार गाड़ी को कभी दांए तो कभी बाएं तरफ घुमा रहा था. ऐसे में बस नंबर 3 के जवानों ने हमलावर आदिल को गाड़ी दूर चलाने की नसीहत दी, लेकिन वह नहीं माना और 2 मिनट तक बस के पास गाड़ी घुमाने के बाद उसे बस से जाकर भिड़ा दिया, जिसके बाद एक भारी धमाका हुआ और पूरी बस के परखच्चे उड़ गए.'


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हमले में घायल जवानों ने जांचकर्ताओं को बताया कि लाल रंग की कार ने जम्मू-कश्मीर से ही काफिले का पीछा करना शुरू कर दिया था. वह लगातार ही गाड़ी का पीछा कर रही थी. वह पीछे की बस से कार को भिड़ाना चाहता था, जिसमें वह नाकाम रहा तो उसने बस नंबर तीन से गाड़ी भिड़ा दी. जिसमें 44 CRPF जवान शहीद हो गए. वहीं जांचकर्ता सीसीटीवी फुटेज की मदद से इस पूरे घटनाक्रम से जुड़ी कड़ियों की तलाश में जुटे हैं.'