राजीव गांधी के हत्‍यारे की मां ने बेटे के लिए मांगी 'इच्‍छा मृत्‍यु', पीएम मोदी को लिखेंगी चिट्ठी
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राजीव गांधी के हत्‍यारे की मां ने बेटे के लिए मांगी 'इच्‍छा मृत्‍यु', पीएम मोदी को लिखेंगी चिट्ठी

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्‍या में दोषी 7 कैदियों को रिहा करने की तमिलनाडु सरकार की दरख्‍वास्‍त राष्‍ट्रपति राम नाथ कोविंद ने खारिज कर दी है.

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई 1991 को हत्‍या कर दी गई थी. (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्‍या में दोषी 7 कैदियों को रिहा करने की तमिलनाडु सरकार की दरख्‍वास्‍त राष्‍ट्रपति राम नाथ कोविंद ने खारिज कर दी है. इस बीच, दोषी एजी पेरारीवलन की 71 वर्षीय मां अरपुथम्‍मल ने मांग की है कि उसके बेटे को इच्‍छा मृत्‍यु (Mercy kiling) की इजाजत दी जाए. क्‍योंकि वह जेल में धीरे-धीरे मर रहा है. अरपुथम्‍मल ने कहा-'मैं नहीं चाहती कि मेरा बेटा व्‍यथा में मर जाए. मैं इसके लिए राज्‍य व केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखूंगी ताकि उसे इच्‍छा मृत्‍यु की इजाजत मिले.'

तमिलनाडु सरकार रिहाई के लिए लेगी कानूनी सलाह
हिन्‍दुस्‍तान टाइम्‍स
की खबर के मुताबिक तमिलनाडु के कानून मंत्री सीवी शनमुगम ने कहा कि राज्‍य सरकार पूर्व प्रधानमंत्री की हत्‍या में बंद हर दोषी की जेल से रिहाई के लिए सभी प्रकार की कानूनी सलाह लेगी. हमारी नेता जे जयललिता चाहती थीं कि सभी दोषियों को मानवीय आधार पर छोड़ दिया जाए और हमारी सरकार उस पर काम कर रही है. राज्‍य सरकार ने केंद्र सरकार से दो बार आग्रह किया था और मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.

राजीव की मौत पर चीखीं थी सोनिया
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई 2018 को पुण्यतिथि थी. साल 1991 में इसी तारीख को एक बम ब्लास्ट में उनकी जान चली गई थी. लिट्टे ने इस ब्लास्ट को राजीव गांधी की हत्या करने के इरादे से प्लान किया था. किसी को अंदाजा भी नहीं था कि राजीव गांधी अपनी सिक्योरिटी तोड़ते हुए जिन लोगों से मिल रहे हैं, उनमें से एक महिला उनकी मौत का कारण बन जाएगी. उस दिन घटना की खबर देने के लिए राजीव के निजी सचिव विंसेंट जॉर्ज सोनिया गांधी के पास पहुंचे थे. सोनिया ने उनसे बस यही पूछा 'क्या वो जिंदा हैं?'... इसके बाद 10 जनपथ की दीवारों ने पहली बार सोनिया गांधी की चीखें सुनी. बदहवास हालत में रोतीं सोनिया की चीखें गेस्ट रूम में मौजूद कांग्रेस के नेता तक को भी सुनाई दे रही थीं, लेकिन अब कोई कुछ नहीं कर सकता था.

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