शरद पवार सहित 75 नेताओं के खिलाफ नाबार्ड की तरफ से 2010 में तैयार की गई एक रिपोर्ट के आधार पर ईडी जांच कर रही है.
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मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नामित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) आज दोपहर खुद ही ईडी कार्यालय में खुद को पेश होंगे. पवार ने बुधवार को कहा था, "मुझे मंगलवार को ईडी मामले का पता चला. मैं जांच एजेंसी के साथ पूरा सहयोग करूंगा." उन्होंने कहा कि मामले की जांच करना एजेंसी का अधिकार है और वह शुक्रवार दोपहर दो बजे दक्षिण मुंबई स्थित ईडी कार्यालय जाएंगे.
पवार ने कहा, "मैं देश के संविधान में विश्वास करता हूं. मैं कभी भी किसी भी बैंक में निदेशक नहीं रहा. लेकिन मैं ईडी का पूरा सहयोग करूंगा और उन्हें जो भी जानकारी की आवश्यकता होगी, उन्हें प्रदान करूंगा."
25 हजार करोड़ रुपये का कथित घोटाला
ईडी ने महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक (एमएससीबी) में 25 हजार करोड़ रुपये के कथित घोटाले में पवार और उनके भतीजे अजीत पवार के साथ ही अन्य राजनेताओं व अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इसके विरोध में राकांपा के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने ईडी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था. कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के बाद पवार का यह बयान आया है.
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21 अक्टूबर को चुनाव
अगले महीने 21 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे पहले ईडी के इस कदम से राज्य में राजनीतिक हलचल पैदा हो गई है. एक महीना पहले ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस को एमएससीबी मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था.
आत्मसमर्पण नहीं करेंगे
शरद पवार ने कहा कि यह उनके पूरे जीवन में उनके खिलाफ दायर किया गया केवल दूसरा मामला है और वह इसकी जांच में पूरा सहयोग करेंगे. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में महात्मा ज्योतिबा फुले और छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्शों का पालन करने की एक लंबी परंपरा रही है. इसलिए हम कभी भी दिल्ली के सिंहासन के सामने आत्मसमर्पण नहीं करेंगे.
रची गई एक साजिश
भाजपा के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ सरकार पर हमला करते हुए पवार ने कहा कि राज्य के लोगों ने राकांपा के चुनाव प्रचार में जबरदस्त उत्साह दिखाया है. उन्होंने यह भी कहा कि ईडी की कार्रवाई उनके खिलाफ रची गई एक साजिश है. उन्होंने कहा, "राज्य के लोग हालांकि चुनाव से पहले होने वाली हर चीज को देख और समझ रहे हैं."
पूरी तरह से निराधार: फडणवीस
शरद पवार के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार की इस मामले में कोई भूमिका नहीं है और यह आरोप पूरी तरह से निराधार हैं. फडणवीस ने कहा, "मुंबई पुलिस ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेशों के आधार पर एफआईआर दर्ज की है. जब 100 करोड़ रुपये का कोई घोटाला होता है तो ईडी भी संज्ञान लेता है और मनी-लॉन्ड्रिंग मामले की जांच करता है."