अलवर: सरिस्का टाइगर सेंचूरी में घट रही है बाघों की संख्या, सरकार ने साधी चुप्पी
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अलवर: सरिस्का टाइगर सेंचूरी में घट रही है बाघों की संख्या, सरकार ने साधी चुप्पी

पिछले ग्यारह माह में 4 बाघों की मौत के बाद वन प्रशासन पर कई सवाल उठ रहे हैं.

सरिस्का में 11 बाघ, बाघिन और 5 शावक बचे हैं. (प्रतीकात्मक फोटो)

जुलग किशोर गांधी, अलवर: राजस्थान(Rajasthan) के अलवर(Alwar) जिले में स्थित सरिस्का वन अभ्यारण्य टाइगर सेंचुरी की पहचान वैसे तो विश्व पटल पर है. लेकिन सरिस्का वन प्रशासन की लापरवाही से बाघों की लगातार जान जा रही है. 

पिछले ग्यारह माह में 4 बाघों की मौत के बाद वन प्रशासन पर कई सवाल उठ रहे हैं. इस कारण पर्यावरण कार्यकर्ताओं(Environment Activist) को सरिस्का के बाघ विहीन होने की चिंता सता रही है.

2005 में बाघ विहीन हो गया था सरिस्का
अलवर में 1995 में सरिस्का टाइगर रिजर्व एरिया घोषित किया गया. आज यह क्षेत्र 1221 स्कॉयर वर्ग किलोमीटर में फैला है. इसमें 881 वर्ग किलोमीटर कोर एरिया व अन्य क्षेत्र बफर और रिवेन्यू में आता है. 2005 में जब सरिस्का बाघ विहीन हो गया था. शिकारियों ने सभी बाघों के सफाया कर दिया था. उस समय यह बड़ी चुनौती ये थी अपनी खोती पहचान को वापिस कैसे लाया जाए.

शिकारियों के कारण बाघों की संख्या हो गई थी कम
वन विभाग और केंद्र सरकार के फैसले से देश मे पहली बार किसी टाइगर को रिलोकेटेड किया गया. रणथंबोर से सरिस्का में हेलीकॉप्टर से ट्रंकुलाईज कर टाइगर को सफलता पूर्वक शिफ्ट किया गया. यहां 2005 से पहले कभी 35 बाघ बाघिन हुआ करते थे. लेकिन लगातार शिकारियों ने इन्हें खत्म कर दिया और सरिस्का में पर्यटकों का आना भी लगभग बंद हो गया था.

लौटने लगी थी रौनक
आखिर तत्कालीन केंद्र सरकार ने प्रयास करते हुए रणथंभोर से हेलीकॉप्टर से टाइगर को शिफ्ट किया यह वन विभाग में अपने आप मे अभिनव प्रयोग था. इसके बाद धीरे धीरे कई बाघ और बाघिनों को यहां लाकर बसाया गया. धीरे धीरे एक बार फिर सरिस्का में रौनक लौटने लगी. लेकिन आज फिर एक बार सरिस्का वन क्षेत्र में लगातार आ रही बाघों की मौत पर फिर चिंता होने लगी कि क्या सरिस्का में बाघ बचेंगे भी या नहीं.

2 साल में 7 बाघों की हो चुकी मौत
पिछले 2 सालों में 7 बाघों की मौत हो चुकी है. इसमें एसटी 16 और एसटी 4 की घायल अवस्था मे इलाज नहीं होने के कारण मौत हुई. वहीं, एसटी 5 को शिकारियों ने मार डाला. वहीं, एसटी 11 की फसल बचाने के लिए काश्तकारों द्वारा की गई बाड़ेबंदी में फंसने से मौत हो गयी. एसटी 6 पूंछ में घाव होने के कारण घायल बताया जा रहा है. वैसे वन अधिकारी दावा कर रहे हैं कि एसटी 6 ठीक है. लेकिन 14 साल का बूढ़ा बाघ बच भी पायेगा या नहीं कुछ कहा नहीं जा सकता.

विस्थापन की प्रक्रिया है जारी
सरिस्का वन क्षेत्र में बसे गांवों के विस्थापन की प्रक्रिया भी सुस्त चाल से चल रही यहां से अब तक सिर्फ चार गांवों अन्यत्र बसाया गया है, लेकिन अन्य गांवों के विस्थापन को लेकर ग्रामीणों और वन विभाग में पैकेज को लेकर सहमति नही बन पा रही, इससे ग्रामीणों के बहाने शिकारियों का आना जाना भी लगा रहता है जिससे बाघों के खतरा बरकरार है. सीसीएफ का कहना है कि ग्रामीणों के विस्थापन के प्रयास किए जा रहे हैं.

वन विभाग ने रखी है पूरी निगरानी
लेकिन वन्य जीवों की सुरक्षा पर भी विभाग पूरी निगरानी रखे हुए है. आज सरिस्का में 11 बाघ, बाघिन और 5 शावक बचे हैं. जिसमें 8 बाघिन और 3 बाघ है. लेकिन 4 युवा बाघ, बाघिन और तीन शावकों की मौत हो गयी. इसके अलावा 3 शावक लापता भी हैं.

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