कैप्टन अमरिंदर सिंह जोधपुर बंदियों को 28 जून को देंगे 4.5 करोड़ रुपये का मुआवजा
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कैप्टन अमरिंदर सिंह जोधपुर बंदियों को 28 जून को देंगे 4.5 करोड़ रुपये का मुआवजा

इससे पहले , मुख्यमंत्री ने जोधपुर बंदियों से मुलाकात भी की थी जिन्हें 1984 में हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद गिरफ्तार किया गया था और जोधपुर जेल में बंद रखा गया था. 

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (फाइल फोटो)

चंडीगढ़: वर्ष 1984 में अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर को मुक्त कराने के लिए सेना द्वारा चलाए गए अभियान के बाद हिरासत में लिए गए और जोधपुर जेल में रखे गए लोगों को कुछ राहत मिलेगी क्योंकि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह गुरुवार को उन्हें मुआवजा प्रदान करेंगे. सरकार के प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री 40 बंदियों को एक कार्यक्रम में अपने सभी कैबिनेट सदस्यों की मौजूदगी में कुल 4.5 करोड़ रुपये के चेक वितरित करेंगे. 

मुख्यमंत्री ने हाल में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा था और मामले पर केंद्रीय गृह सचिव राजीव गाबा से भी बात की थी. अमरिंदर ने कहा था कि यदि केंद्र अपने हिस्से का मुआवजा देने में विफल रहता है तो राज्य सरकार इस हिस्से का भी भुगतान करेगी. 

इससे पहले , मुख्यमंत्री ने जोधपुर बंदियों से मुलाकात भी की थी जिन्हें 1984 में हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद गिरफ्तार किया गया था और जोधपुर जेल में बंद रखा गया था. मुख्यमंत्री ने उन्हें सरकार की ओर से पूरी सहायता का आश्वासन दिया था. 

उन्होंने रेखांकित किया था कि अपील में जाने के केंद्र के फैसले को लेकर सिख समुदाय में कड़ी प्रतिक्रिया हुई है और इससे समुदाय में अलगाव तथा कथित अन्याय की भावना पैदा होने की संभावना है. मुख्यमंत्री ने कहा था कि बंदियों को कई साल तक बिना किसी गलती के पीड़ा भुगतनी पड़ी. 

ऑपरेशन ब्लू स्टार के मद्देनजर लगभग 300 लोग गिरफ्तार किए गए थे और उन्हें जोधपुर जेल में रखा गया था. बाद में उन्हें मार्च 1989 से जुलाई 1991 के बीच तीन जत्थों में रिहा कर दिया गया था. 

इनमें से 224 लोगों ने यह कहते हुए मुआवजे के लिए निचली अदालत में अपील की थी कि उन्हें बेवजह हिरासत में रखा गया और प्रताड़ित किया गया. लेकिन 2011 में उन्हें अदालत से कोई राहत नहीं मिली. 

हालांकि , इनमें से 40 लोग जिला एवं सत्र अदालत अमृतसर पहुंचे जिसने आदेश दिया कि इन लोगों को मुआवजे की अपील दायर करने की तारीख से छह प्रतिशत ब्याज के साथ चार - चार लाख रुपये का मुआवजा प्रदान किया जाए. ब्याज सहित कुल मुआवजा 4.5 करोड़ रुपये का बनता है. 

प्रवक्ता ने कहा कि अदालत ने कहा था कि मुआवजा देना केंद्र और राज्य सरकार का संयुक्त दायित्व है. पंजाब सरकार ने जहां आधा मुआवजा देने के लिए हलफनामा दायर किया था , वहीं केंद्र सरकार ने अदालती फैसले के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में अपील दायर कर दी थी. 

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