राजस्थान के कोटे में आधार कार्ड बनाने के लिए जारी हुई मशीनों में से कई मशीनें प्रदेश से बाहर एक्टिवेट हैं. इन मशीनों से असम, ग्वालियर और यूपी में आधारकार्ड बन रहे हैं.
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जयपुर: क्या राजस्थान का आधार अब फर्जीवाड़े का शिकार हो गया है? क्या प्रदेश का आधार दूसरे राज्यों के काम आ रहा है? जी हां, सुनने में आपको भले ही अजीब लगे, लेकिन हकीकत में तो राजस्थान का आधार गायब होता हुआ ही दिख रहा है. यह सब हुआ है चन्द लोगों की मुनाफाखोरी के लालच में. दरअसल, राजस्थान के कोटे में आधार कार्ड बनाने के लिए जारी हुई मशीनों में से कई मशीनें प्रदेश से बाहर एक्टिवेट हैं. चौंकाने वाली बात यह कि एनआरसी रजिस्टर की औपचारिकताओं को पूरा करने के दौर में इनमें से ज्यादातर असम और पूर्वोत्तर के दूसरे हिस्सों में काम कर रही थीं. ऐसे में इन मशीनों के गलत इस्तेमाल को लेकर भी आशंकाएं जताई जा रही हैं.
मुनाफाखोरी के लालच में राजस्थान में पंजीकृत आधारकार्ड मशीनों से असम, ग्वालियर और यूपी में आधारकार्ड बन रहे हैं. वहीं, राजस्थान में स्वीकृत आधार पंजीयन केंद्रों पर लंबी लाइनें खत्म नहीं होने का नाम नहीं ले रही है. दूसरी तरफ प्रदेश में पंजीकृत मशीनें अन्य राज्यों में आधार बनाने का आधार बनी हुई है. आधारकार्ड मशीनों को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. लोगों ने जयपुर सहित प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आधारकार्ड मशीनों का पंजीयन तो करवा लिया लेकिन उनका संचालन यूपी, एमपी में हो रहा है.
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की नजर में आए बिना सैकडौं ऐसी मशीनें मध्यप्रदेश, हरियाणा, गुजरात, उत्तरप्रदेश, ग्वालियर में संचालित हो रही है. खबर के मुताबिक यह खुलासा केंद्र सरकार की ओर से लिखे गए सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग को लिखे पत्र के बाद हुआ है. पत्र में साफ लिखा है की राजस्थान में पंजीकृत आधारकार्ड की मशीनें दूसरे राज्यों में काम कर रही हैं. इन्हे तुरंत प्रभाव से डिएक्टिवेट किया जाए.
वहीं, आधार से जुड़े परियोजना अधिकारी सीताराम स्वरूप के मुताबिक केंद्र सरकार से मिले पत्र के बाद दूसरे राज्यों में संचालित सभी आधारकार्ड मशीनों को बंद कर दिया गया है. उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और यह भी पता लगाया जा रहा है की इन मशीनों से कितने आधारकार्ड बनवाए गए हैं.
यूआईडी के परियोजना अधिकारी सीताराम स्वरूप ने बताया की यूआईडीएआई की ओर से मिले लेटर में करीब राजस्थान में रजिस्ट्रेशन हुई 17 आधारकार्ड मशीनें दूसरे स्टेट में संचालित होने की जानकारी मिली है. जीपीएस लोकेशन के आधार पर राजस्थान के अलग अलग जिलों के लिए आवंटित मशीनें अन्य राज्यों में संचालित होने के बाद इन्हे बंद किया गया है.
बता दें कि, नियम के अनुसार सरकारी परिसर के अंदर ही आधार सेंटर्स संचालित हो सकते हैं. यूनीक आइडेंटिफिकेशन ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ने नियमों के विपरीत कार्य करने वाले 17 से अधिक आधार सेंटरों को ब्लॉक कर दिया है. इन सेंटरों पर ऑथोरिटी को राजस्थान से बाहर अन्य राज्यों में मशीनों को बाहर ले जाकर आधार बनाने की शिकायत मिली थी. इसके अलावा सरकारी परिसरों में नहीं चलने वाले सेंटरों को बंद कर दिया गया है. दरअसल, राजस्थान में सात करोड की आबादी पर सिर्फ 1100 आधारकार्ड मशीनें संचालित हो रही है. यानि की 70 हजार लोगों का बोझ एक आधार सेंटर्स पर है. सवाल ये भी है की क्या एनआरसी रजिस्टर की औपचारिकताओं को पूरा करने के दौर में इनमें से ज्यादातर असम और पूर्वोत्तर के दूसरे हिस्सों में काम कर रही थीं.
बहरहाल, एक तरफ राजस्थान आईटी के क्षेत्र में नए-नए आयाम स्थापित कर रहा है. उसके बावजूद तकनीक के इस युग में सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग में ही फर्जीवाड़ा हो रहा है. .सवाल ये है की जीपीएस सिस्टम होने के बावजूद राजस्थान में रजिस्ट्रेशन हुई आधारकार्ड मशीनें दूसरे स्टेट में कैसे आधारकार्ड बना रही है.