आम आदमी को RBI की बड़ी सौगात, RTGS और NEFT से पैसे ट्रांसफर करना हुआ FREE
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आम आदमी को RBI की बड़ी सौगात, RTGS और NEFT से पैसे ट्रांसफर करना हुआ FREE

आरबीआई ने गुरुवार को अपनी मौद्रिक नीति की घोषणा की. इसमें आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती कर दी है.

ऑनलाइन बैंकिंग करने वाले लोगों को मिलेगा फायदा. फाइल फोटो

नई दिल्‍ली : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को अपनी मौद्रिक नीति की घोषणा की. इसमें आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती कर दी है. अब आरबीआई बैंकों को 6 फीसदी के बजाय 5.75 फीसदी की ब्‍याज दर पर कर्ज उपलब्‍ध कराएगा. इससे बैंक लोन लिए उपभोक्‍ताओं को लोन की ईएमआई में फायदा पहुंचेगा.

इसके साथ ही आरबीआई ने ऑनलाइन ट्रांजेक्‍शन के माध्‍यमों रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) और नेशनल इलेक्‍ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (NEFT) पर लगने वाले शुल्‍क को भी हटाने का ऐलान किया है. इस फैसले का सीधा असर ऑनलाइन ट्रांजैक्‍शन करने वाले बैंक उपभोक्‍ताओं को फायदे के रूप में पड़ेगा. आरबीआई ने कहा है कि बैंकों को अपने ग्राहकों को यह लाभ देना होगा.

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दरअसल, मौजूदा समय में सरकारी और निजी बैंक IMPS और RTGS सेवा के लिए ग्राहकों से शुल्‍क लेते हैं. देश का सबसे बड़ा बैंक स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया NEFT की सुविधा पर 2.5 रुपये से लेकर 25 रुपये तक का शुल्‍क लगाता है. एसबीआई 10 हजार रुपये तक के ऑनलाइन ट्रांसफर पर 2.5 रुपये, 10 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक के ऑनलाइन ट्रांसफर तक पांच रुपये का शुल्‍क लगाता है. 

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इसके अलावा एसबीआई 1 लाख रुपये से 2 लाख रुपये तक की धनराशि NEFT के जरिये भेजने पर 15 रुपये का शुल्‍क वसूलता है. वहीं 2 लाख रुपये से अधिक के पैसे ट्रांसफर पर 25 रुपये चार्ज वसूला जाता है. देश के अन्‍य बैंक भी ग्राहकों से इसी तरह का शुल्‍क वसूलते हैं. NEFT के अंतर्गत मौजूदा समय फंड ट्रांसफर करने के लिए समयसीमा तय है. वहीं RTGS और IMPS के तहत किसी भी समय किसी को भी पैसे ट्रांसफर किए जा सकते हैं.

मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद विकासात्मक और नियामकीय नीतियों पर अपने बयान में आरबीआई ने कहा कि वह आरटीजीएस और नेफ्ट प्रणाली के जरिये लेन-देन को लेकर बैंकों पर न्यूनतम शुल्क लगाता है तथा बैंक भी इसके बदले अपने ग्राहकों पर शुल्क लगाते हैं.

बयान के अनुसार आरबीआई ने डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के मकसद से आरबीआई ने आरटीजीएस और नेफ्ट प्रणालियों के जरिये होने वाले लेन-देन पर शुल्क नहीं लगाने का निर्णय किया है. आरबीआई ने कहा, ‘‘बैंकों को भी इसका लाभ अपने ग्राहकों को देना होगा. इस बारे में बैंकों को एक सप्ताह के भीतर दिशानिर्देश जारी किया जाएगा.’’ 

इस बीच, आरबीआई ने एटीएम के उपयोग पर लगाये गये शुल्क की समीक्षा को लेकर समिति गठित करने का निर्णय किया. इसका कारण एटीएम उपयोग करने वालों की संख्या उल्लेखनीय रूप से बढ़ रही है. आरबीआई ने कहा, ‘‘हालांकि एटीएम शुल्क और दरों में बदलाव का निरंतर मांग की जा रही है.’’ 

इसके लिए एक समिति गठित करने का निर्णय किया गया है. भारतीय बैंक संघ के मुख्य कार्यपालक अधिकारी की अध्यक्षता में इसमें सभी संबद्ध पक्ष होंगे. समिति एटीएम शुल्क और दरों की सभी पहलुओं की समीक्षा करेगी. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने यहां संवाददाताओं से कहा कि समिति द्वारा अपनी पहली बैठक के दो महीने के भीतर सिफारिशें देने की उम्मीद है.

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