खंडपीठ ने कहा कि सबरीमला में किसी भी प्रकार का प्रदर्शन नहीं करने का उसका पहले का आदेश ज्यों का त्यों बरकरार है.
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कोच्चि: केरल उच्च न्यायालय ने पुलिस को सबरीमला में भगवान अयप्पा मंदिर परिसर की प्रमुख जगहों से बेरिकेड हटाने के बुधवार को निर्देश दिए. अदालत ने पुलिस को यह भी निर्देश दिया कि रात साढ़े 11 बजे के बाद मंदिर परिसर के रास्ते में पड़ने वाले शरणकुटी पर तीर्थयात्रियों को रोकने जैसी पाबंदियों को भी हटाए.
न्यायमूर्ति रामचंद्र मेनन और न्यायमूर्ति एन अनिल कुमार की खंडपीठ ने कहा कि सबरीमला में किसी भी प्रकार का प्रदर्शन नहीं करने का उसका पहले का आदेश ज्यों का त्यों बरकरार है.
पीठ ने तीन सदस्य निगरानी समिति की रिपोर्ट को भी मंजूरी दे दी. इस समिति का गठन अदालत ने 28 नवंबर को सबरीमला मंदिर की तीर्थयात्रा की निगरानी के लिए किया था.
अदालत ने समिति गठित करते हुए कहा था कि सबरीमला मंदिर में कोई भी विरोधी प्रदर्शन नहीं होना चाहिए. उच्चतम न्यायालय ने 28 सितंबर को सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में जाने की इजाजत दे दी थी. इसके बाद मंदिर परिसर के आसपास कई हिंसक घटनाएं हुई थीं.
अदालत ने बुधवार को कहा कि भीड़ को देखते हुए पुलिस भीड़ प्रबंधन के लिए उचित उपाय कर सकती है, लेकिन तीर्थयात्रा को परेशानी नहीं हो.
इस बीच पुलिस महानिदेशक लोकनाथ बेहरा ने बुधवार को कहा कि अपराध शाखा के पुलिस महानिरीक्षक एस श्रीजीत को 15 से 30 दिसंबर तक पंबा और सन्नीधनम इलाकों की सुरक्षा का जिम्मा दिया गया है.
(इनपुट - भाषा)