सबरीमाला मंदिर के मुख्‍य पुजारी ने कहा- SC का फैसला मंजूर, लेकिन बोर्ड बोला- 'धार्मिक प्रमुखों से मांगेंगे मदद'
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सबरीमाला मंदिर के मुख्‍य पुजारी ने कहा- SC का फैसला मंजूर, लेकिन बोर्ड बोला- 'धार्मिक प्रमुखों से मांगेंगे मदद'

मुख्य पुजारी कंडारारू राजीवारू ने कहा 'सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मैं निराश हूं लेकिन महिलाओं के प्रवेश पर उसका निर्णय मुझे स्वीकार है.'

फाइल फोटो

नई दिल्‍ली : सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मंदिर के मुख्‍य पुजारी ने स्‍वीकार्यता जताई है. मुख्य पुजारी कंडारारू राजीवारू ने कहा 'सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मैं निराश हूं लेकिन महिलाओं के प्रवेश पर उसका निर्णय मुझे स्वीकार है.' वहीं त्रावणकोर देवासम बोर्ड (टीडीबी) के अध्‍यक्ष पी पद्माकुमार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर असहमति जताई है.

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त्रावणकोर देवासम बोर्ड (टीडीबी) के अध्‍यक्ष पी पद्माकुमार. (फोटो ANI)

पी पद्माकुमार ने कहा है 'हम मामले में अन्‍य धार्मिक नेताओं का सहयोग लेने के बाद पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे.' बता दें कि केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर रोक के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अहम फैसला सुनाया है. न्‍यायालय की संविधान पीठ महिलाएं पुरुषों से किसी मामले में कम नहीं है. सबरीमाला मंदिर में सभी महिलाओं को प्रवेश मिलेगा. सीजेआई दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान ने यह फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्‍यीय पीठ ने 4:1 से यह फैसला सुनाया है.

यह भी पढ़ें : LIVE: सबरीमाला मंदिर में सभी महिलाओं को प्रवेश मिलेगा | SC ने कहा- मंदिर के रिवाज हिंदू महिलाओं के खिलाफ

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि भगवान अयप्‍पा हिंदू थे, उनके भक्‍तों का अलग धर्म न बनाएं. भगवान से रिश्‍ते दैहिक नियमों से नहीं तय हो सकते. सभी भक्‍तों को मंदिर में जाने और पूजा करने का अधिकार है. 

न्‍यायालय ने कहा, जब पुरुष मंदिर में जा सकते हैं तो औरतें भी पूजा करने जा सकती हैं. महिलाओं को मंदिर में पूजा करने से रोकना महिलाओं की गरिमा का अपमान है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, एक तरफ हम औरतों की पूजा करते हैं तो दूसरी तरफ हम उन पर बैन लगाते हैं. महिलाएं पुरुषों से किसी भी मामले में कम नहीं हैं. सबरीमाला के रिवाज हिंदू महिलाओं के खिलाफ हैं. दैहिक नियमों पर महिलाओं को रोकना एक तरह से छूआछूत है.

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