संसद में पेश कृषि विधेयकों (Agriculture bill) के विरोध में मोदी सरकार से इस्तीफा देने के बावजूद शिरोमणि अकाली दल (SAD) असमंजस की स्थिति में है. NDA सरकार से नाता बनाए रखा जाए या नहीं, इस पर फैसला करने से पहले वह राज्य सभा में कृषि विधेयकों का हाल देख लेना चाहता है.
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नई दिल्ली: संसद में पेश कृषि विधेयकों (Agriculture bill) के विरोध में मोदी कैबिनेट से हरसिमरत कौर के इस्तीफा देने के बावजूद शिरोमणि अकाली दल (SAD) असमंजस की स्थिति में है. NDA सरकार से नाता बनाए रखा जाए या नहीं, इस पर फैसला करने से पहले वह राज्य सभा में कृषि विधेयकों का हाल देख लेना चाहता है. इसके बाद ही वह गठबंधन में बने रहने के सवाल पर फैसला करेगा.
पार्टी के कोर समूह ने कृषि विधेयक पर आगे की रणनीति पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को बैठक की. उसमें कई नेता वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पंजाब से भी जुडे़. यह पूछे जाने पर कि क्या SAD एनडीए से बाहर हो जाएगा, हरसिमरत ने कहा कि इस बारे में पार्टी को निर्णय करना है. राज्यसभा सदस्य नरेश गुजराल ने कहा कि विवाह में भी खींचतान होती है. हर राजनीतिक दल को अपने हितों की रक्षा करनी है.
NDA गठबंधन में बने रहने के सवाल पर गुजराल ने कहा कि अकाली दल इस तथ्य से अवगत है कि आज हमारी सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पीएलए (चीनी सेना) के सामने खड़ी है. पाकिस्तान, पंजाब में माहौल खराब करने की कोशिश कर रहा है. ऐसे में पार्टी ऐसा कोई फैसला नहीं करेगी जो सीमावर्ती राज्य पंजाब में माहौल खराब करे. पार्टी के नेता प्रेम सिंह चंदुमाजरा ने कहा कि SAD के लिए अभी गठबंधन का मुद्दा प्राथमिकता नहीं है क्योंकि पंजाब में विधानसभा चुनाव में काफी देर है.
वहीं सूत्रों ने कहा कि कि SAD एनडीए में बने रहने के बारे में अंतिम फैसला करने से पहले राज्य सभा में इन विधेयकों के हाल को भी देखेगी. गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों के किसान इन विधेयकों का विरोध कर रहे हैं.
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