बारां: जिला चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं का अंबार, 24 बेड पर 60 से अधिक बच्चे भर्ती
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बारां: जिला चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं का अंबार, 24 बेड पर 60 से अधिक बच्चे भर्ती

जिलेभर के गरीब व जरुरतमंद लोग जिला मुख्यालय पर संचालित एमसीएच यूनिट में एक वार्ड में 24 बेड पर 60 से अधिक बच्चे भर्ती है. 

वार्ड में संक्रमण का खतरा बना हुआ है.

राम मेहता, बारां: बारां(Baran) जिले में बदलते मौसम के बीच बच्चे बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. जिला अस्पताल(District Hospital)  स्थित एमसीएच यूनिट में 24 बेड के मुकाबले 60 से ज्यादा बच्चे भर्ती हो रहे हैं. हालात यह हैं कि एक बेड पर 3 से 4 बच्चों को भर्ती किया गया है. ऐसे में बीमार बच्चों पर संक्रमण(Infection) का खतरा मंडरा रहा है. लंबे समय से दिक्कत होने के बावजूद इसके समाधान को लेकर कदम नहीं उठाए जा रहे हैं.

केंद्र और राज्य की सरकारें शिशु मृत्यु दर(Child Death Rate) में कमी लाने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित कर रही हैं. जिले में कस्बाई व ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को अधिकांश सरकारी अस्पतालों में बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ की सेवाएं नहीं मिल रही हैं.

बच्चों और परिजनों को हो रही समस्या
जिलेभर के गरीब व जरुरतमंद लोग जिला मुख्यालय पर संचालित एमसीएच यूनिट पर निर्भर हैं. यहां सिर्फ एक वार्ड संचालित हैं, उसमें भी केवल 24 बेड लगाए गए हैं. यहां पर 60 से अधिक बच्चे भर्ती है. दिन में इनकी संख्या 60 से भी ज्यादा हो गई. एक बेड पर 3-4 बच्चे भर्ती थे. यहां तक की बेंच पर भी 2-2 बच्चों को भर्ती किया गया था. गर्मी और उमस के बीच बच्चों और परिजनों को दोहरी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था.

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बना हुआ है संक्रमण का खतरा
इस सीजन में भर्ती बच्चों की संख्या 80 से 90 तक पहुंच जाती है. कई साल से यही हालात बने होने के बावजूद वार्ड नहीं बढ़ाया जा रहा है. नतीजा बच्चों पर संक्रमण का खतरा बना हुआ है. जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारी तक मामले में कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. एक वार्ड में भी 6 नर्सिंगकर्मी पदस्थ हैं. जिन पर वार्ड को संभालने का जिम्मा है. 

इस महीने 2 बच्चों की हो चुकी मौत
जिले में मौसमी बीमारियों के कारण बच्चों को जान गंवानी पड़ रही है. इस महीने 2 बच्चों की मृत्यु हो चुकी है. इसमें 3 सितंबर को परानियां निवासी तीन माह के आशिक सहरिया की मृत्यु हो गई. वहीं 13 सितंबर को मील का टापरा निवासी 4 बर्षीय शिवानी बैरवा की बुखार से मृत्यु हो गई. ऐसे में अस्पताल के शिशु वार्ड में व्यवस्थाएं नहीं होने से तीमारदारों में बच्चों की सेहत को लेकर चिंता बनी हुई है.

एक बेड पर हैं 3 से 4 बच्चें
अस्पताल में भर्ती बच्चे की तीमारदार अनिता सुमन ने बताया कि अस्पताल में एक ही बेड पर 3 से 4 बच्चों को भर्ती किया है.इससे संक्रमण का खतरा बना हुआ है.

मौसमी बीमारियों से पीड़ित बच्चों की संख्या ज्यादा
थैलेसीमिया, एनिमिक, निमोनिया, बुखार सहित मौसमी बीमारियों से पीड़ित बच्चे पहुंच रहे हैं. बदलते मौसम में बीमारियां बढ़ रही हैं.बच्चे के बीमार होने पर नजदीकी सरकारी अस्पताल में उपचार कराएं. अस्पताल में पहुंचने वाले बच्चों को समुचित उपचार दिया जा रहा है.बैड कम होने के कारण परेशानी हो रही है 24 बैड की वार्ड में क्षमता है लेकिन 65 से अधिक बच्चें भर्ती है.

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