बीजेपी नेता किरीट सोमैया (Kirit Somaiya) ने कहा, 'ये वो वाली शिवसेना (Shiv Sena) नहीं रही, ये शिवसेना भगवा झंडा छोड़कर हरा झंडा पकड़ रही है.'
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मुबंई : राष्ट्रवाद और हिंदुत्व की राजनीति करने वाली पार्टी शिवसेना, क्या अब कन्फ्यूज्ड हो गयी है. ये सवाल इसलिए खड़ा हो रहा है क्योंकि सोमवार सुबह शिवसेना नेता पांडुरंग सकपाल (Pandurang Sakpal) बच्चों के लिए अजान कंपटीशन (Azan Compti) आयोजित कराने का बयान देते है और शाम होते होते विपक्ष जब उन पर आक्रामक होता है, तो वो बयान से किनारा कर लेते है.
'बाला साहेब का नाम लेकर दिया था आइडिया'
शिवसेना के दक्षिण मुंबई विभाग प्रमुख पांडुरंग सपकाल ने कहा था कि उनके इलाके के बच्चों के लिए अजान कंपीटिशन आयोजित किया जाना चाहिए. पांडुरंग ने ये भी कहा कि दो दिन पहले कुछ मुस्लिम पदाधिकारी मिलने आए थे, वो बच्चों के लिए कोई स्पर्धा आयोजित करना चाहते थे इसलिए उन्हें भागवत गीता स्पर्धा की तरह अजान स्पर्धा का ऑनलाइन आयोजन कराने की बात कही थी. उन्होंने ये भी कहा, 'खुद बाला साहेब ने कहा था कि उन्हें सभी धर्मो से प्यार है, बाला साहेब ने खुद मातोश्री में नमाज पढ़ने की अनुमति दी थी.'
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सकपाल ने ये भी कहा था कि अजान (Azaan) सिर्फ 5 मिनट की होती है जो महा आरती जितनी ही महत्वपूर्ण होने के साथ शांति और प्रेम का प्रतीक है.
बयान पर हमलावर हुई पूर्व सहयोगी बीजेपी
शिवसेना नेता का बयान आते ही महाराष्ट्र बीजेपी ने फौरन इस मुद्दे को लपका और शिवसेना पर हमलावर हो गयी. बीजेपी नेता किरीट सोमैया (Kirit Somaiya) ने कहा, 'ये वो वाली शिवसेना (Shiv Sena) नहीं रही, ये शिवसेना भगवा झंडा छोड़कर हरा झंडा पकड़ रही है.'
साझेदार NCP ने किया बचाव
हालांकि प्रदेश सरकार में हिस्सेदार NCP के कोटे से वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री नवाब मलिक ने बयान को देश की गंगा जमुनी तहजीब का हिस्सा बताते हुए शिवसेना का बचाव किया था.
बात निकली तो दूर तक गई, देनी पड़ी सफाई
लेकिन महज 24 घंटे के भीतर पांडुरंग सकपाल को अपने बयान पर सफाई देनी पड़ गयी. अब पांडुरंग सकपाल मीडिया के कैमरों से बचकर एक लेटर के जरिए अपने बयान का बचाव किया. उन्होंने कहा कि सिर्फ अजान कंपीटिशन की सलाह दी गई थी, जिसका उनसे या सरकार से कोई लेना देना नही है.
गौरतलब है कि इस मामले से पहले शिवसेना नेता नितिन नंदगांवकर के कराची नाम हटाने के मुद्दे पर भी शिवसेना ने यू टर्न ले लिया था.
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