अब्दुल सत्तार के इस्तीफ पर बोले संजय राउत, 'वो असली शिवसैनिक नहीं है'
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अब्दुल सत्तार के इस्तीफ पर बोले संजय राउत, 'वो असली शिवसैनिक नहीं है'

'वह पहली बार पार्टी में आए हैं, फिर भी अब्दुल सत्तार को मंत्रिमंडल मे हमने एडजेस्ट किया. हमें पूरा भरोसा है कि अब्दुल सत्तार शिव बंधन को नहीं छोड़ेंगे.'

अब्दुल सत्तार के इस्तीफ पर बोले संजय राउत, 'वो असली शिवसैनिक नहीं है'

मुंबई: महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी की सरकार में शिवसेना कोटे से राज्य मंत्री अब्दुल सत्तार के इस्तीफे पर शिवसेना ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि अब्दुल सत्तार में असली शिवसैनिक नहीं है.

संजय राउत ने ज़ी मीडिया संवाददाता से बात करते हुए कहा, 'जो अभी नाराज दिख रहे हैं वो पहले से शिवसैनिक नहीं है, उनके इस्तीफा देने की मुझे जानकारी नहीं है. इस्तीफा मुख्यमंत्री राजभवन को जाता है लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. वह पहली बार पार्टी में आए हैं, फिर भी अब्दुल सत्तार को मंत्रिमंडल मे हमने एडजेस्ट किया. हमें पूरा भरोसा है कि अब्दुल सत्तार शिव बंधन को नहीं छोड़ेंगे. '

नागरिकता कानून को लेकर आदित्य ठाकरे के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में संजय राउत ने कहा, 'सीएए के खिलाफ आज प्रोग्राम में जहां मैं जा रहा हूं उसमें आदित्य ठाकरे नहीं जा रहे हैं. आदित्य ठाकरे ने मंच शेयर करने को लेकर अपनी भूमिका पहले ही साफ कर दिया है.

महाराष्ट्र में मंत्रालय के बंटवारे पर संजय राउत ने कहा, 'कोई विभाग बड़ा छोटा नहीं होता है, अगर किसी को लगता है तो गलत है.' सरकार के कार्यकाल को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि अब महाराष्ट्र में बीजेपी पांच साल तक विपक्ष में ही बैठेगी.

 

बता दें कि अब्दुल सत्तार ने आज इस्तीफा दे दिया है. हालांकि अभी तक इस्तीफे की वजह का पता नहीं चल सका है. 30 दिसंबर को उद्धव ठाकरे सरकार का कैबिनेट विस्तार हुआ था. उसी दिन अब्दुल सत्तार ने पद और गोपनीयता की शपथ ली थी. 

ऐसा बताया जा रहा है कि सत्तार ने शिवसेना नेता अनिल देसाई को अपना इस्तीफा सौंप दिया है.लेकिन महाराष्ट्र के गृह मंत्री एकनाथ शिंदे ने अब्दुल सत्तार का इस्तीफा नहीं मिलने की बात कही है. शिंदे ने कहा, 'अब्दुल सत्तार का इस्तीफा नहीं मिला है.' शिंदे ने यह भी बताया कि महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल के विभागों का बँटवारा किसी भी वक्त हो सकता है.

सूत्रों की मानें तो औरंगाबाद जिला परिषद अध्यक्ष पद के चुनाव में सत्तार समर्थक जिला परिषद सदस्यों ने महाविकास आघाडी के खिलाफ वोटिंग बात कही है. बता दें कि अब्दुल सत्तार कांग्रेस से बगावत कर के शिवसेना मे आए थे. वह शिवसेना का मुस्लिम चेहरे के तौर पर उभर कर आए थे. ऐसा भी बताया जा रहा है कि शिवसेना के नेता अर्जुन खोतकर सत्तार से मिलने पहुंचे है. एक होटल में दोनों की मीटिंग हो सकती है और उन्हें इस्तीफा वापस लेने को कहा जा सकता है.

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