कुछ ट्रेनें कंजेशन के चलते डायवर्ट जरूर हुई लेकिन कोई ट्रेन भटकी नहीं: रेलवे
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कुछ ट्रेनें कंजेशन के चलते डायवर्ट जरूर हुई लेकिन कोई ट्रेन भटकी नहीं: रेलवे

 प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य ले जाने के लिए 1 मई से शुरू हुई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में अभी तक 52 लाख से ज्यादा श्रमिक यात्रा कर चुके हैं.

कुछ ट्रेनें कंजेशन के चलते डायवर्ट जरूर हुई लेकिन कोई ट्रेन भटकी नहीं: रेलवे

नई दिल्ली: प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य ले जाने के लिए 1 मई से शुरू हुई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में अभी तक 52 लाख से ज्यादा श्रमिक यात्रा कर चुके हैं. रेलवे बोर्ड चेयरमैन विनोद कुमार यादव के मुताबिक, आज की तारीख तक 3840 ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं. श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में खाने पीने की शिकायतों को लेकर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने रेलवे का बचाव किया और कहा कि इन ट्रेनों में पचासी लाख खाने के पैकेट और 1 करोड 25 लाख पानी की बोतल बांटी गई है. 1-2 प्रतिशत ट्रेनों में हो सकता है कि इस तरह की समस्या हुई हो लेकिन बाकी 98 से 99 फ़ीसदी ट्रेनों में सब कुछ आसानी से हो गया.  इस दौरान श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 31 महिलाओं की कुशलता पूर्वक डिलीवरी भी कराई गई.

विनोद कुमार यादव ने कहा कि जिन राज्यों ने जितनी ट्रेनों की मांग की है, हमने उतनी उपलब्ध कराई हैं. कल ही यानी गुरुवार को हमने 137 ट्रेनें देशभर में माइग्रेंट वर्कर्स के लिए चलाई. हालांकि रेलवे की तरफ से अब यह कहा जा रहा है कि राज्यों की तरफ से धीरे-धीरे श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की मांग कम होती जा रही थी.

रेलवे ने राज्यों से कहा है कि जब भी वो जब भी रिक्वायरमेंट देंगे हम ट्रेन उपलब्ध कराएंगे. अभी तक जो भी माइग्रेंट वर्कर दूसरे राज्यों के लिए या कहें कि गृह राज्य के लिए गए हैं उनमें 80 फीसदी श्रमिक उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए गए हैं. रेलवे के डाटा के मुताबिक 36.5 फ़ीसदी ट्रेन बिहार की तरफ गईं जबकि 42.2 फ़ीसदी ट्रेनें उत्तर प्रदेश की तरफ गईं.

रेलवे बोर्ड चेयरमैन ने कहा यह कोई सामान्य समय नहीं है. कोरोना महामारी का काल है. रेलवे के 1200000 कर्मचारी दिन-रात इस काम में लगे हुए हैं. रेलवे की कोशिश है कि हर ट्रेन अपने गंतव्य तक सही टाइम में पहुंचे. रेलवे बोर्ड चेयरमैन ने उन खबरों को खारिज कर दिया कि कोई ट्रेन अपने रास्ते से भटक गई या गुम हो गई. चेयरमैन ने कहा जो डाइवर्ट हुई वह कंजेशन के चलते ही डाइवर्ट हुई. कुछ ट्रेन बीते दिनों डायवर्ट जरूर हुई, वह कंजेशन के चलते डायवर्ट हुई लेकिन कोई ट्रेन भटकी नहीं. रेलवे बोर्ड चेयरमैन ने कहा कि जो ट्रेनें डाइवर्ट की गई हैं वह 20 मई से 24 मई के बीच हुई डाइवर्ट हुई है और परसेंट के लिहाज से देखें तो ऐसी 1.8 फ़ीसदी ट्रेनें हैं और संख्या में यह कुल 71 ट्रेनें हैं जो डाइवर्ट की गईं.

बीते दिनों श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रियों की हुई मौतों को लेकर आज रेलवे बोर्ड चेयरमैन ने माना कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में सफर के दौरान कुछ लोगों की मौत हुई है. कितनी हुई है  इस पर रेलवे ने कहा है कि पूरा ब्‍यौरा इकट्ठा किया जा रहा है. मौत भूख से हुई या बीमारी की वजह से, ये डॉक्टर ही बताएंगे. 

रेलवे ने कहा है कि हम श्रमिक ट्रेनों के ऑपरेशन कॉस्ट का 15 फीसदी किराया ही राज्यों से ले रहे हैं. यदि हम मुफ्त में ट्रेनें चलाते तो इनका मैनेजमेंट करना मुश्किल हो जाता है. अभी भी हालत यह है कि कई राज्यों ने जो ट्रेनें मांगी और कहा कि और उस ट्रेन में 1400 से ज्यादा लोग सफर करेंगे जबकि गए उसमें 500 से 600 लोग.  लिहाजा यह जरूरी है कि हम कुछ मिनिमम किराया राज्यों से लें जिसके चलते बेहतर मैनेजमेंट हो सके.

इसके साथ ही रेलवे बोर्ड चेयरमैन ने कहा कि धीरे-धीरे ट्रेनों का परिचालन सामान्य दिशा की ओर जा रहा है. 1 जून से अभी 200 ट्रेन शुरू कर रहे हैं दूसरे फेज में और ज्यादा ट्रेनें चलाएंगे.

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