राजस्थान: बंदूक से गोली चलाने पर अब नहीं है खैर, हो सकती है उम्रकैद
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राजस्थान: बंदूक से गोली चलाने पर अब नहीं है खैर, हो सकती है उम्रकैद

अवैध हथियारों(Illigeal Arms) या प्रतिबंधित हथियारों(Restricted Arms)के बनाने से लेकर बेचने तक या हथियारों के साथ पकड़े जाने पर पूरी उम्र जेल में सलाखों के पीछे बितानी पड़ सकती है. 

पहले इस तरह का प्रावधान मौजूद नहीं था. (प्रतीकात्मक फोटो)

विष्णु शर्मा, जयपुर: अवैध हथियारों(Illigeal Arms) या प्रतिबंधित हथियारों(Restricted Arms) को बनाने से लेकर बेचने तक या हथियारों के साथ पकड़े जाने पर पूरी उम्र जेल में सलाखों के पीछे बितानी पड़ सकती है. 

इतना ही नहीं धार्मिक-सामाजिक उत्सव या अन्य आयोजनों के दौरान गन फायर करने पर तीन साल की सजा या एक लाख का जुर्माना या दोनों भुगतना पड़ सकता है. इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय(Ministry Of Home Affairs) ने करीब छह दशक पहले लागू किए गए आर्म्स एक्ट-1959 में संशोधन(Amendment in Amrs Act 1959) का प्रस्ताव तैयार कर लिया है.

राजस्थान सरकार ने जिला कलेक्टरों से मांगा है सुझाव
इस प्रस्ताव की कॉपी प्रदेश सरकारों को भेजकर सुझाव मांगे गए हैं. राजस्थान में गृह विभाग(Home Department)ने जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर 3 दिन में सुझाव देने के लिए कहा है. 

अवैध हथियारों पर लगाम लगाने की पूरी तैयारी
केंद्र सरकार(Central Government) ने अवैध हथियारों के कारोबार और उनके उपयोग पर चोट करने की पूरी तैयारी कर ली है. गृह मंत्रालय की ओर से आर्म्स एक्ट में संशोधन कर नया ड्राफ्ट तैयार किया गया है. इसमें कई पुराने प्रावधानों में संशोधन किया गया है. 

जानिए होंगे कौन से बदलाव 
वहीं, इसमें कई नए प्रावधान जोड़े गए हैं. संशोधित आर्म्स एक्ट के ड्राफ्ट में हथियारों की अवैध सप्लाई, हथियारों व उनके उपकरणों की निर्माणकर्ता से उपयोगकर्ता तक की ट्रैकिंग, संगठित अपराध, संगठित अपराध सिंडिकेट और शादी-ब्याह में होने वाली सेलीब्रेटी फायरिंग आदि को भी अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है और इनके लिए सजा का प्रावधान रखा गया है.

प्रदेशों से मांगी गई है राय
संशोधित विधेयक पर उत्तर प्रदेश, बिहार(Bihar), मध्य प्रदेश(Madhya Pradesh), पंजाब(Punjab), आंध्र प्रदेश(Andhra Pradesh), महाराष्ट्र, केरल और मणिपुर के गृह सचिवों और पुलिस महानिदेशकों से राय ली जा चुकी है. वहीं, राजस्थान के गृह सचिव और डीजीपी से भी एक्ट की प्रति भेजकर राय मांगी है. इधर गृह विभाग ने जिला कलेक्टरों से तीन दिन में सुझाव मांगे हैं ताकि गृहमंत्रालय भिजवाए जा सकें.

जानिए बदलेंगे कौन से प्रावधान
इससे पहले एक लाइसेंस पर 3 हथियार रखने का प्रावधान 1983 में किया गया था. उससे पहले एक लाइसेंस पर 3 से ज्यादा हथियार रखे जा सकते थे. आर्म्स (संशोधन) एक्ट के ड्राफ्ट के अनुसार कोई भी व्यक्ति अब अधिकतम 2 लाइसेंसी बंदूक ही रख पाएगा. यदि किसी के पास तीन लाइसेंसी हथियार हैं, तो उसे कानून के संसद में पारित होने के 180 दिन के अंदर एक हथियार सरकार या शस्त्र विक्रेता के पास जमा कराना होगा.

दी जाएगी इनको छूट
लेकिन दो से अधिक के हथियार का प्रतिबंध शूटर्स और डीलर्स पर लागू नहीं होगा. इसके अलावा लाइसेंसधारियों के लिए अच्छी खबर है कि पहले हथियार लाइसेंस का नवीनीकरण 3 साल के लिए होता था, जिस बढ़ाकर 5 साल किया जा रहा है. इसके लिए 65 वर्ष से अधिक आयु के लाइसेंसधारी के लिए 10 वर्ष बाद नवीनीकरण करना होगा.

सेलिब्रेशन से पहले चला रहे हैं गोली, तो...
धार्मिक, सामाजिक, वैवाहिक उत्सव या सार्वजनिक सभा में फायर करने पर 3 साल की सजा या एक लाख का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.

जानिए कैसे होगी हथियारों की ट्रैकिंग
नए एक्ट में हथियारों व एम्युनेशन की ऑन लाइन ट्रैकिंग का प्रावधान किया गया है. जिससे हथियार बनाने वालों से लेकर बेचने वाले तक की पहचान आसान हो जाएगी. इसके अलावा इस एक्ट के लागू हो जाने के बाद यदि कोई हथियार या लाइसेंस सरेंडर करना चाहता है तो उसे कलेक्टर की परमिशन लेनी होगी. जबकि पहले इस तरह का प्रावधान मौजूद नहीं था. 

देश में इतने हैं वैध हथियार
देश में 35 लाख के करीब हथियारों के लाइसेंस जारी किए गए हैं. अकेले उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) में सबसे ज्यादा 3.7 लाख लाइसेंसी हथियार है और दूसरे नंबर पर 3.6 लाख हथियार जम्मू-कश्मीर(Jammu Kashmir)में है. राजस्थान(Rajasthan)में करीब 1.50 लाख हथियार लाइसेंस दिए गए हैं.

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