अयोध्या में बन रहे भव्य श्रीराम मंदिर की ये हैं खास बातें, परिसर में होंगी ये सुविधाएं
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अयोध्या में बन रहे भव्य श्रीराम मंदिर की ये हैं खास बातें, परिसर में होंगी ये सुविधाएं

अयोध्या में बन रहे भव्य मंदिर में प्रभु श्रीराम के जीवन की झांकियों का एक परिसर बनेगा. इसमें श्रीराम के जन्म अवतरण से लेकर अपने धाम जाने तक की हर महत्वपूर्ण घटनाओं को उकेरा और संजोया जाएगा. 

अयोध्या में बन रहे भव्य श्रीराम मंदिर की ये हैं खास बातें, परिसर में होंगी ये सुविधाएं

नई दिल्लीः अयोध्या में एक तरफ भव्य श्रीराम मंदिर बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है तो दूसरी ओर श्रीराम मंदिर ट्रस्ट ने, 68 एकड़ के श्रीराम मंदिर परिसर को भी, मर्यादापुर्षोत्तम राम की मर्यादा के अनुसार बनाने की रूपरेखा तैयार कर ली है. इसे अंतिम रूप देने की कवायद चल रही है और सहमति बनने पर पूरा परिसर राममय हो जाएगा. मंदिर परिसर में 2.77 एकड़ पर भव्य राम मंदिर बनेगा.  श्री राम मंदिर का मॉडल सबके सामने है. अब तो उसका नक्शा भी, सरकारी नियमों के अनुसार पास कराने की प्रक्रिया में है. हाल ही में जानकारी मिली है कि मंदिर परिसर की भव्यता निराली होगी. जहां भक्तों के लिए हर तरह की सुविधा होगी. 

एक साथ 5000 से 10 हजार राम भक्त कर सकेंगे परिक्रमा
मंदिर का एक ही भव्य परिक्रमा पथ बनेगा, जिसपर श्रद्धालु रामलला के दर्शन के बाद उनकी परिक्रमा कर सकेंगे. इस पर एक समय में 5000 से 10 हजार  राम भक्त ,एक साथ परिक्रमा कर सकेंगे. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर विकास परिकल्पना के अनुसार , शेषावतार मंदिर को भी भव्य रूप दिया जाएगा. अभी ये पूरा नहीं हुआ है. श्रीराम के अनुज लक्ष्मण को शेषावतार माना जाता है इसलिए परिसर में जहां श्रीराम होंगे वहीं लक्ष्मण जी विराजेंगे.

मंदिर परिसर में बनेगी चारों वेदों की पाठशाला
परिसर विकास परिकल्पना के अनुसार एक वेद पाठशाला का निर्माण होगा. यहां चारों वेदों के बारे में विस्तार से जानकारी होगी. इसके स्वरूप पर अभी फैसला होना बाकी है. परिसर में एक वृहद यज्ञशाला भी होगा. यहां सनातन परंपरा के अनुरूप यज्ञ किये जाने की परिकल्पना है. माना जाता है कि कलयुग में यज्ञ एक ऐसा साधन है जिससे मनुष्य अपने पापों के निवारण और प्रभु के समीप होने की कल्पना कर सकता है.

बनेगा श्रीराम का म्यूजियम
मंदिर परिसर में एक विशाल म्यूज़ियम बनाया जाएगा. परिसर विकास परिकल्पना  के अनुसार इसमें प्रभु श्रीराम से जुड़े शिलालेख, पत्थर, मंदिर होने के सबूत वाली वस्तुए रखी जाएंगी. इसमें राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी यादगार वस्तुओं को भी रखे जाने की संभावना है. समतलीकरण और उत्खनन में मिले शिलालेख व पुरावशेष भी रखे जाएंगे. समतलीकरण के दौरान शिवलिंग के अलावा कई ऐसे शिलालेख मिले है, जो ये साबित करता है कि करीब 500 साल पहले यहां राम मंदिर था. भक्त इन सबका दर्शन सुचारू रूप से कर सके. इसके अलावा अभिलेखागार, ग्रंथागार और वाचनालय भी बनाये जाने का प्रस्ताव है. जहां श्रीराम से जुड़े लेख, किताब , शोध सभी को यहां एकत्र कर के रखा जाएगा. 
 
मंदिर में बनेगा झांकियों का परिसर 
 प्रभु श्रीराम के जीवन की झांकियों का एक परिसर बनेगा. इसमें श्रीराम के जन्म अवतरण से लेकर अपने धाम जाने तक की हर महत्वपूर्ण घटनाओं को उकेरा और संजोया जाएगा. माना जा रहा है कि पूरे परिसर में लोगों में गर्भगृह के अलावा इसमें सबसे ज्यादा जिज्ञासा हो सकती है.  श्रीराम मंदिर परिसर को खास बनाया जा रहा है ताकि जब राम भक्त, परिसर में प्रवेश करें तो उन्हें इस बात का एहसास हो कि वो राम मंदिर नहीं बल्कि श्रीराम जन्मभूमि धाम में है. 

मंदिर में प्रवेश के लिए होंगे 4 भव्यद्वार
मंदिर परिसर में प्रवेश के लिए चार भव्य द्वारों का निर्माण हो रहा है. श्रीराम के बारे में श्रद्धालुओं को धार्मिक गुरुओं और कथावाचकों के प्रवचन का दौवीय सन्तुष्टि पाने के लिये एक विशाल सत्संग भवन का निर्माण किया जाएगा. ऑडिटोरियम का निर्माण भी किया जाएगा. जहां रामलीला का मंचन हो सके. श्रीराम से जुड़े रामलीलाओं का मंचन देश और विदेश की संस्थाए, समय समय पर यहां करेंगी. 

बनेगी गौशाला और होगा वृक्षारोपण
श्रीराम मंदिर परिसर में देसी गायों का अपना गौशाला होगा जिसके दूध, घी और गोबर का इस्तेमाल ,रामलला के पूजन और अनुष्ठानों में होगा. धूल आंधी तूफान से बचाने के लिए राम मंदिर परिसर की सीमा पर तीन स्तरीय वृक्षारोपण किया जाएगा. सभी मौसम में फूल देने वाले सभी प्रकार के पौधे होंगे.  सभी प्रकार की तुलसी, पंचवटी, उद्यान, फव्वारों की भी व्यवस्था होगी. साथ ही श्रद्धालुओ के लिये धर्मशाला और विशिष्ट अतिथियों के लिये अतिथि गृह का भी निर्माण किया जाएगा.

प्रभु राम के प्रसाद का रसोई घर
ये इतना बड़ा होगा कि इस रसोई के तीन हिस्से होंगे. इनमें अन्न संग्रह स्थल, प्रसाद निर्माणशाला और पात्र धुलाई स्थल.  बड़ी संख्या में आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए भोजन क्षेत्र होगा.

बुजुर्गों के लिए व्यवस्था
मंदिर के दूसरी मंजिल तक पहुचने के लिए रैंप और स्केलेटर बनाया जाएगा, जिससे कि बुजुर्ग, दिव्यांग और बीमार श्रद्धालुओ को किसी प्रकार की परेशानी ना हो. श्रीराम मंदिर का अपना प्रशासनिक भवन भी होगा, जिसमें मंदिर परिसर में काम करने वाले अधिकारी रोजमर्रा के कामों को निपटाएंगे. कर्मचारियों के लिये आवास की भी व्यवस्था की जाएगी. मंदिर का निर्माण शुरू होते ही श्रद्धालु आने लगेंगे. इसलिये शुरुआती निर्माण कार्यो में तीर्थयात्रियों के लिये क्लॉक रूम का निर्माण भी प्रमुख है. जहां यात्री अपना सामान रख सकें.

मल्टीलेवल पार्किंग और बनेगा सोलर ऊर्जा पैनल
श्रद्धालुओं और विशिष्ट अतिथियों को रामलला के दर्शन में दिक्कत ना हो, इसलिए परिसर में ही लगभग 500 गाड़ियों का बहुमंजिला पार्किंग बनाया जाएगा. यात्रियों के जूता चप्पल रखने के लिए व्यापक व्यवस्था होगी.  चारों द्वार के आसपास जनसुविधा की व्यवस्था होगी. परिसर में ही पुलिस स्टेशन के लिये जगह होगा. सुरक्षा के लिये चप्पे चप्पे पर सीसीटीवी लगाया जाएगा. हर कोण पर वाच टावर बनाये जाएंगे. सोलर ऊर्जा पैनल लगाया जाएगा. 

पानी के लिए खास व्यवस्था
 ट्यूब वेल और पानी की बड़ी टंकी का निर्माण भी किया जाएगा. यानि श्रीराम मंदिर का ही भव्य निर्माण ही नही हो रहा है बल्कि पूरे परिसर को भव्य और तात्कालिक के साथ साथ दीर्घकालिक जरूरतों को भी ध्यान में रखकर निर्माण कार्य किया जाएगा. मंदिर निर्माण से जुड़े बड़े अधिकारियों का मानना है कि अभी हर साल लगभग 1 करोड़ तीर्थयात्री और भक्तगण अयोध्या आते हैं. ऐसे में जो भी निर्माण होगा वो अगले 50 साल को ध्यान में रखकर किया जाएगा. जाहिर है वर्षों की तपस्या, त्याग और बलिदान के बाद बन रहे श्रीराम मंदिर की भव्यता ऐसी होगी, जिसे दुनिया निहारेगा.

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