झुंझुनूं में एक साथ हुए कई स्कूल प्रिंसिपल के तबादले, बीजेपी ने लगाया बड़ा आरोप
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झुंझुनूं में एक साथ हुए कई स्कूल प्रिंसिपल के तबादले, बीजेपी ने लगाया बड़ा आरोप

भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस तबादलों की राजनीति कर डर पैदा कर रही है और वोट के खातिर लोगों को मजबूर कर रही है.

बीजेपी के मुताबिक कांग्रेस ने सब मंडावा में उप चुनाव जीतने के लिए किया है.

संदीप केडिया/झुंझुनूं: राजस्थान के झुंझुनूं के मंडावा में उप चुनाव प्रस्तावित है. उप चुनावों की तारीख तय हो, आचार संहिता लगे, इससे पहले ही धड़ाधड़ तबादले किए जा रहे है. हड़कंप तो तब मचा, जब मंडावा विधानसभा के आधे से ज्यादा प्रिंसीपल एक ही ऑर्डर के साथ बदल दिए गए. वहीं बीजेपी के मुताबिक कांग्रेस ने सब मंडावा में उप चुनाव जीतने के लिए किया है. यही कारण है कि पहले एक साथ 60 से अधिक नर्सिंग कर्मचारियों की सूची जारी हुई और अब एक साथ आधे से ज्यादा प्रिंसिपल बदल दिए गए है.

बता दें कि राज्य सरकार ने हाल ही में 100 के करीब शिक्षकों के तबादले किए हैं. खास बात यह है कि मीडिया के पास जो सूची है, उसके मुताबिक 44 प्रिंसीपलों, 36 व्याख्याताओं और तीन हेड मास्टरों के तबादलों के आदेश जारी किए गए है. इसमें भी चर्चा करने वाली बात यह है कि इसके लिए जारी किए गए छह अलग-अलग आदेशों में केवल मंडावा विधानसभा क्षेत्र के ही नाम शामिल है.जिसके बाद बीजेपी को बैठे बिठाए मुद्दा मिल गया. वहीं, कांग्रेस इसे रूटीन प्रक्रिया बता रही है. 

बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस तबादलों की राजनीति कर डर पैदा कर रही है और वोट के खातिर लोगों को मजबूर कर रही है. लेकिन कांग्रेस का कहना है कि भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए कभी जनता को तो अब कर्मचारियों को भड़काकर मंडावा चुनाव जीतना चाहती है. कांग्रेस के मुताबिक जो बीजेपी के राज में प्रताडि़त कर्मचारी थे. उन्हें ही राहत दी जा रही है. रही बात मंडावा क्षेत्र की एक्सक्लुसिव सूचियां जारी होने की तो यह नेताओं और परिस्थितियों पर भी तय होता है, क्योंकि आचार संहिता लगनी है. इसलिए जो तबादले दो दिन बाद होने थे, वो पहल हो रहे है.

वहीं, सांसद नरेंद्र कुमार कुमार ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वह बदले की भावना से काम कर रही है. उन्होंने तो यहां तक कहा है कि नागौर में भी उप चुनाव है, लेकिन मंडावा पर सरकार का पूरा फोकस है. उन्होंने कहा कि अपने राजनीतिक इतिहास में उन्होंने कभी ऐसा नहीं देखा कि जो भी तबादला सूची जारी हो, वो केवल और केवल एक विधानसभा के लिए हो और इतनी संख्या में हो. उन्होंने कहा कि यह प्रजातंत्र के युग में राजतंत्र से भी बढ़कर शोषण हो रहा है. जो आजादी के बाद भी शर्मनाक है. साथ ही उन्होंने शैक्षिक सत्र के दौरान तबादलों का भी विरोध किया है. 

सांसद नरेंद्र कुमार ने कहा कि सरकार चुनाव जीतने के लिए नियम-कायदों को ताक पर रख रही है, जो सही नहीं है. कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए 61 जीएनएम और एएनएम के तबादले किए थे. जिन्हें दूर दूर स्थानों पर लगाया था. वह कोर्ट का स्टे लेकर अभी भी झुंझुनूं में है और बैठे-बैठे तनख्वाह ले रहे हैं. वहीं जिन प्रिंसिपलों को प्रताडि़त कर बाहर भेजा जा रहा है, वो भी स्टे लेने की तैयारी में हैं, ऐसे में इसमें सरकार की किरकरी हो रही है.

वैसे तो मंडावा में उप चुनाव की तारीख तो तय नहीं है. लेकिन यह जरूर चर्चा है कि इस सप्ताह में कभी भी चुनाव आयोग तारीख तय कर देगा. वहीं, इससे पहले हो रहे धड़ाधड़ तबादलों के चलते पूरे प्रदेश में मंडावा की चर्चा खूब हो रही है. पूरे प्रदेश में इस बात की चर्चा हो रही है कि उन्होंने भी कभी ऐसा नहीं देखा होगा कि एक साथ, एक ही आदेश में इतने सारे कर्मचारियों के तबादले भी होते है. बहरहाल, चर्चा यह भी है मंडावा चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस पूरा जोर लगा रही है.

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