कानपुर मुठभेड़ में शहीद हुए जितेंद्र को राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई
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कानपुर मुठभेड़ में शहीद हुए जितेंद्र को राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई

पूरे परिवार का रो रो कर बुरा हाल है लेकिन अपने फर्ज की खातिर बेटे ने जान दी इस पर उन्हें गर्व भी है.

मथुरा में शहीद जितेंद्र का अंतिम संस्कार किया गया.

कन्हैया शर्मा, मथुरा: कानपुर हत्याकांड में शहीद जितेंद्र पाल सिंह को मथुरा में अंतिम विदाई दी गई. गमगीन माहौल में नम आंखों से राजकीय सम्मान के साथ पैतृक गांव बरारी में शहीद का अंतिम संस्कार किया गया. छोटे भाई सौरभ ने शहीद जितेंद्र पाल सिंह को मुखाग्नि दी. पूरे परिवार का रो रो कर बुरा हाल है लेकिन अपने फर्ज की खातिर बेटे ने जान दी इस पर उन्हें गर्व भी है.

कोरोना काल में शहीद जितेंद्र के अंतिम संस्कार में जाने से स्थानीय लोग खुद को नहीं रोक पाए. शहीद के अंतिम संस्कार में जनसैलाब उमड़ पड़ा. मौके पर बीजेपी विधायक पूरन प्रकाश, बीजेपी विधायक कारिंदा सिंह, आईजी ए. सतीश गणेश और एसएसपी डॉक्टर गौरव ग्रोवर सहित जिले के कई अधिकारी मौजूद रहे.

शहीद कान्स्टेबल जितेंद्र पाल सिंह मूल रूप से मथुरा में रिफाइनरी इलाके के बरारी गांव के रहने वाले थे. वर्तमान में करीब 10 साल से उनका परिवार टेकमैन सिटी में किराए के मकान पर रहते हैं.

शहीद जितेंद्र के पिता तीरथपाल के 3 बेटे और एक बेटी है. सबसे बड़े पुत्र जितेंद्र पाल सिंह 2018 में यूपी पुलिस में भर्ती हुए थे, वो वर्तमान में कानपुर के थाना बिठूर में तैनात थे. कानपुर में पुलिस टीम के साथ हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने पहुंचे जितेंद्र पाल सहित उनके 8 साथी फायरिंग में शहीद हो गए और 7 पुलिसकर्मी घायल भी हो गए थे.

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शहीद जितेंद्र पाल सिंह चार भाई-बहनों में सबसे बड़े थे. इनके छोटे भाई ज्योति सिंह पुलिस में भर्ती होने की तैयारी कर रहे हैं और दूसरे भाई सौरभ अभी अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. सबसे छोटी बहन पूजा भी पढ़ाई कर रही है. पिता तीरथ पाल मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण करते हैं. पूरा परिवार शहीद जितेंद्र पर ही आश्रित था.

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