आंध्र प्रदेश के बाद पश्चिम बंगाल की सरकार ने भी सीबीआई को पश्चिम बंगाल में छापे मारने तथा जांच करने के लिए दी गई 'सामान्य रजामंदी' वापस ले ली थी
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नई दिल्लीः आंध्र प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा सीबीआई की एंट्री बैन किए जाने के फैसले को राज्य की नई सरकार ने बदल दिया है. हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में प्रचंड जीत के बाद राज्य की नई वाईएसआर सरकार ने सीबीआई की एंट्री पर लगी रोक हटा दी है. वाईएसआर कांग्रेस के विजयसाई रेड्डी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, 'चंद्रबाबू नायडू ने सीबीआई को बैन किया था, उन्होंने इनकम टैक्स के छापों को रोका, उन्होंने सवाल किया था कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) राज्य में कैसे आ सकती है.'
विजयसाई रेड्डी ने कहा, 'अब जगन ने राज्य में सीबीआई को अनुमति देने के आदेश जारी किए हैं. सीएम ने साफ किया कि चोरों को बख्शा नहीं जाएगा. चंद्रबाबू सावधान रहें.'
Vijayasai Reddy,YSRCP: Chandrababu banned CBI, he prevented IT raids, he questioned how ED comes in the state. Now Jagan has issued orders allowing the CBI into the state. CM made it clear that thieves will not be spared. Look out Chandrababu. #AndhraPradesh (file pic) pic.twitter.com/LOQkbpRMwb
— ANI (@ANI) June 3, 2019
आंध्र प्रदेश के बाद पश्चिम बंगाल ने भी लगाई सीबीआई पर रोक
गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश के बाद पश्चिम बंगाल की सरकार ने भी सीबीआई को पश्चिम बंगाल में छापे मारने तथा जांच करने के लिए दी गई 'सामान्य रजामंदी' वापस ले ली थी. वहीं, विपक्ष ने आरोप था लगाया कि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के कारण राज्यों का उन पर से विश्वास कम हो रहा है. हालांकि, बीजेपी ने इसे 'भ्रष्ट दलों द्वारा अपने हितों के बचाव के लिए अधिकारों की स्पष्ट रूप से दुर्भावनापूर्ण कवायद' करार दिया था. सीबीआई को अब इन राज्यों में अदालती आदेश वाले मामलों तथा केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ मामलों को छोड़कर शेष सभी में किसी तरह की जांच के लिए संबंधित राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी.
नायडू सीबीआई से डरे हुए हैं- वाईएसआर कांग्रेस
उस समय राज्य के विपक्षी दलों ने इस कदम का विरोध करते हुए कहा था कि राज्य सरकार सीबीआई को उसकी शक्तियों के इस्तेमाल से नहीं रोक सकती. मुख्य विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि विवादित फैसला सिर्फ इसलिए किया गया है क्योंकि मुख्यमंत्री सीबीआई से डरे हुए हैं. वाईएसआरसी की राजनीतिक मामलों की समिति के सदस्य अंबाती रामबाबू ने कहा, ''चंद्रबाबू नायडू को स्पष्टीकरण देना चाहिए कि वह सीबीआई को राज्य में आने से क्यों रोक रहे हैं.''