'कबाड़' से बनाया जा रहा महात्मा गांधी और विनोबा भावे का स्टेच्यू, जानिए क्या है खासियत
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'कबाड़' से बनाया जा रहा महात्मा गांधी और विनोबा भावे का स्टेच्यू, जानिए क्या है खासियत

महाराष्ट्र में महात्मा गांधी की कर्मभूमि सेवाग्राम आश्रम अपने आप में एक अनोखी जगह है.

'कबाड़' से बनाया जा रहा महात्मा गांधी और विनोबा भावे का स्टेच्यू, जानिए क्या है खासियत

महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में महात्मा गांधी की कर्मभूमि सेवाग्राम आश्रम अपने आप में एक अनोखी जगह है. ये वही पावन भूमि है जहां से गांधी जी ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई के नेतृत्व किया था और अंग्रेजी सरकार की जड़ को उखाड़ने का काम किया. उसी सेवाग्राम आश्रम के पास ऑटोमोबाइल कबाड़ से महात्मा गांधी की 30 फिट का स्टेच्यू का निर्माण चल रहा है. साथ में भूदान आंदोलन के प्रणेता आचार्य विनोबा भावे की भी 17 फिट का स्टेच्यू ऑटोमोबाइल कबाड़ से बनाया जा रहा है.

कबाड़ में गए वाहन के छोटे-छोटे पार्ट सें दोनों स्टेच्यू बनाए जा रहे हैं. मुंबई के सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट के छात्र इसे बना रहे हैं. वेस्ट से बेस्ट बनाने का इन छात्रों का संकल्प है. इसके लिए 35 टन ऑटोमोबाइल कबाड़ का इस्तेमाल किया जा रहा है. गांधीजी का स्टेच्यू कम-कम 30 फीट का रहेगा और उसका वजन 15 टन होगा.

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मुंबई के सर जे जे स्कूल ऑफ आर्ट के छात्रों ने बताया कि 'यह स्टेच्यू बनाने के लिये 6 इंच के चैनल (लोहे के रॉड) का इस्तेमाल किया गया है. जंग से बचाने के लिए और मजबूती पर विशेष ध्यान दिया गया है.' 

 

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