नव निर्वाचित मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही केंद्र सरकार से बेल आउट पैकेज की मांग करेगी. उन्होंने फिजूल खर्च के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया.
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शिमला: 46 हजार 500 करोड़ रुपये के ऋण के बोझ तले दबी हिमाचल प्रदेश सरकार गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रही है और राज्य को इस बोझ से मुक्ति दिलाना बड़ी चुनौती है. यह बात सोमवार (1 जनवरी) राज्य के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कही. नव निर्वाचित मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही केंद्र सरकार से बेल आउट पैकेज की मांग करेगी. उन्होंने फिजूल खर्च के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया.
उन्होंने कहा, ‘‘वित्तीय स्थिति खराब है और कर्ज का बोझ बढ़कर 46 हजार 500 करोड़ रुपये हो गया है और इस स्थिति से सरकार को बाहर निकालना गंभीर चुनौती है.’’ उन्होंने कहा कि सरकार बेल आउट पैकेज तैयार करेगी और इसे केंद्र सरकार को भेजेगी. संबंधित अधिकारियों को विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा गया है.
बहरहाल, मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि विकास की राह में आर्थिक बाधा नहीं आएगी. उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात की है जिन्होंने आश्वासन दिया है कि इस बारे में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने मुझसे कहा है कि विभिन्न विभागों से विचार-विमर्श कर विस्तृत प्रस्ताव भेजें.’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के हटते ही अनावश्यक खर्च का जमाना खत्म हो गया.
ठाकुर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की सरकार ने पिछले एक वर्ष के दौरान बेतरतीब खर्च किए और बिना औपचारिकताएं पूरी किए और बजट का प्रावधान किए बगैर विकास कार्यों की घोषणाएं कीं.
(इनपुट - भाषा)