DNA: 'असली मसाले' ने बिगाड़ा सेहत का जायका, मसालों के 'जानलेवा' Taste की डराने वाली हकीकत!
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DNA: 'असली मसाले' ने बिगाड़ा सेहत का जायका, मसालों के 'जानलेवा' Taste की डराने वाली हकीकत!

DNA Analysis: भारत पूरी दुनिया में मसाला किंग है. लेकिन क्या आपको पता है कि भारत की दो बड़ी मसाला कंपनियों के कुछ प्रोडक्ट्स पर हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर में प्रतिबंध लगा दिया है.

DNA: 'असली मसाले' ने बिगाड़ा सेहत का जायका, मसालों के 'जानलेवा' Taste की डराने वाली हकीकत!

DNA Analysis: घर का खाना बेहतर है या बाहर का खाना? इस सवाल का जवाब उसके स्वाद पर निर्भर करता है. स्वाद अगर घर के खाने में है, तो बाहर का खाना हानिकारक मान लिया जाता है, और स्वाद अगर बाहर के खाने में है, तो घर का खाना बोरिंग हो जाता है. Tasty और Boring खाने की जंग में मुख्य हथियार हैं मसाले. भारत तो वैसे भी पूरी दुनिया में मसाला किंग है. लेकिन क्या आपको पता है कि भारत की दो बड़ी मसाला कंपनियों के कुछ प्रोडक्ट्स पर हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर में प्रतिबंध लगा दिया है.

Everest फिश करी मसाले पर प्रतिबंध

Singapore Food Agency और हांगकांग की The Centre for Food Safety ने दावा किया कि, भारतीय मसाला कंपनियों के 4 प्रोडक्ट्स में एक खास तरह का Pestiside है, जो इंसानों के लिए खतरनाक है. इन कंपनियों में से एक है Everest....Everest कंपनी के फिश करी मसाले पर फिलहाल प्रतिबंध लगाया गया. इसके अलावा दूसरी कंपनी के तीन प्रोडक्ट सांभर मसाला, मद्रास करी पाउडर और करी पाउडर मिक्स मसाला पर प्रतिबंध लगा है. The Centre For Food Saftey हांगकांग ने इन मसालों की जांच की थी. जिसमें उन्हें कैंसरकारी तत्व मिले थे.

Singpore ने भी एक्शन लिया

इस रिपोर्ट के आधार पर ही Singpore ने भी एक्शन लिया है. इन संस्थाओं की प्रेस रीलीज में बताया गया है कि मसालों में Ethylene Oxide (एथिलीन ऑक्साइड) नाम के Pestiside की कुछ मात्रा मिली है. Ethylene Oxide को मानव शरीर के लिए नुकसानदायक माना गया है. लंबे समय तक Ethylene Oxide मिले प्रोडक्ट को खाने पीने से कैंसर तक हो सकता है.

Ethylene Oxide एक खतरनाक तत्व

The International Agency For Research on Cancer ने Ethylene Oxide को Group 1 का कैंसरकारी तत्व माना है. ये अंतरराष्ट्रीय संस्था किसी रसायन को Group 1 में तब डालती है जब उस रसायन से कैंसर होने की आशंका सबसे ज्यादा हो. यानी Ethylene Oxide एक खतरनाक तत्व है. Ethylene Oxide क्या है और इसका असर मानव शरीर पर किस तरह से पड़ता है. हमने इसको लेकर एक्सपर्ट्स से भी बात की है.

उठ रहे कई सवाल

एक डेटा के मुताबिक वर्ष 2023 में करीब 2 करोड़ 83 लाख किलो मसाले की खपत अकेले भारत में ही थी. इससे पता चलता है कि हम भारतीय, अपने खाने में मसाला कितना पसंद करते हैं. सोचिए हांगकांग और सिंगापुर जैसे देशों में जिन मसालों पर प्रतिबंध लगाया गया है, उन मसालों की खपत भारत में कितनी होगी. पैकेटबंद मसालों की कंपनियां, 'टेस्ट यहीं है' और 'असली मसाले' होने का दावा करती रही हैं. लेकिन आम लोगों के जहन में मसाला कंपनियों को लेकर सवाल उठ रहे है. सिंगापुर और हांगकांग के एक्शन के बाद भारत की Food Safety and Standards Authority of India ने भी मामले का संज्ञान लिया है.

- FSSAI सभी मसाला कंपनियों के प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता जांचने की तैयारी कर रही है.
- FSSAI ने सभी मसाला कंपनियों के Samples इकट्ठा किए हैं, जिनकी लैब में जांच की जाएगी.
- FSSAI ये पता लगाएगी कि भारत में गुणवत्ता के जो पैमाने बनाए गए हैं, उन पर मसाला कंपनियों के प्रोडक्ट्स कितने खरे उतरेंगे.

जिस तरह का काम सिंगापुर में Singapore Food Agency और हांगकांग में The Centre for Food Safety करती हैं, ठीक उसी तरह से भारत में FSSAI काम करती है. FSSAI स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत आती है. हालांकि FSSAI के पास निर्यात किए जाने वाले Food Item की गुणवत्ता जांचने का अधिकार नहीं है. हालांकि मसाले के व्यापार को बढ़ाने के लिए देश में The Spices Board of India है. विदेशों में निर्यात होने वाले मसालों की गुणवत्ता का प्रमाण पत्र यही संस्था देती है. The Spices Board of India ने मसालों में Pesticide residue को लेकर खास गाइडलाइन भी बनाई हुई है.

भारतीय मसाला कंपनियों से जवाब मांगा

The Spices Board of India भी सिंगापुर और हॉन्गकान्ग में लगाए गए प्रतिबंध की वजहों की जांच कर रही है. इस प्रतिबंध को लेकर हमने दोनों भारतीय मसाला कंपनियों से जवाब मांगा था. Everest कंपनी की तरफ से जवाब आया है. कंपनी ने अपने जवाब में कहा है कि Everest पिछले 50 वर्षों से अपने उत्पादन केंद्रों में स्वच्छता और सुरक्षा मापदंडों का ख्याल रखती आई है. खाद्य सुरक्षा पहली प्राथमिकता है. हमारे सभी प्रोडक्ट्स सख्त गुणवत्ता मापदंडों पर जांचे जाते हैं. जहां तक सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग में Everest पर प्रतिबंध लगाने की बात है, तो ये झूठ है. Everest किसी भी देश में प्रतिबंधित नहीं है. Singapore Food Safety Authority ने हॉन्गकॉन्ग के Recall alert पर मसालों का नया आयात रोकने और पुराना माल वापस लेने के लिए कहा है. ये सब तय नियमों के हिसाब से किया गया है, ये प्रतिबंध नहीं है. 60 प्रोडक्ट्स में से केवल 1 प्रोडक्ट को जांच के लिए रोका गया है.

केंद्र सरकार भी गंभीर

सूत्रों से ये खबर मिल रही है कि मसालों पर प्रतिबंध को लेकर केंद्र सरकार भी गंभीर है. वाणिज्य मंत्रालय इसको लेकर एक मीटिंग भी करने वाला है. मसालों के निर्यात से जुड़े हुए लोगों से जानकारियां मांगी जा रही है. यही नहीं भारत सरकार ने हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर से मसालों की जांच से जुड़ा डेटा भी मांगा है. वैदिक काल से ही भारत का रिश्ता मसालों से रहा है. आज हम जिन चीजों को मसाला कहते हैं, पुरातन काल में उनका इस्तेमाल चिकित्सीय गुणों की वजह से किया जाता था.

मसालों का इतिहास

ऋग्वेद में कई मसालों जैसे हल्दी, काली मिर्च और उनके चिकित्सीय गुणों के बारे में बताया गया है. 2 हजार 500 वर्ष पहले लिखी गयी सुश्रुत संहिता और आयुर्वेद में भी अनेक मसालों और उनसे होने वाले इलाज के बारे में बताया गया है. मशहूर रोमन इतिहासकार Pliny (प्लिनी) ने करीब 2000 वर्ष पहले लिखा था, कि भारतीय मसाला व्यापार की वजह से, रोम को हर वर्ष 10...Sester-ces (सेस्टर-सेस) का नुकसान हो रहा है. Sester-ces (सेस्टर-सेस) उस दौर में रोमन मुद्रा हुआ करती थी. आज के हिसाब से देखें तो उस वक्त रोम को करीब 2 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा था. उस वक्त रोम में भारतीय काली मिर्च और दालचीनी की बहुत मांग थी. मध्य युग में अरब के व्यापारी भारतीय मसालों को पूरी दुनिया में बेचते थे.

दुनिया का 40 प्रतिशत मसाला व्यापार भारत से

वर्ष 1498 में Vasco da Gama पुर्तगाल लौटते वक्त, चार बड़े जहाजों में भारतीय मसाले भरकर ले गया था. इन मसालों में जायफल, लौंग, दालचीनी, अदरक, कालीमिर्च थी. अंग्रेज़ों की ईस्ट इंडिया कंपनी का मुख्य उद्देश्य मसालों का व्यापार करना ही था. इतिहासकारों का मानना है कि मध्य युग में वैश्विक व्यापार के दो ही स्तंभ थे, एक था चीन का रेशम और दूसरा था भारत के मसाले. भारत हर वर्ष लगभग एक करोड़ टन से ज्यादा मसालों का उत्पादन करता है. दुनिया का 40 प्रतिशत मसाला व्यापार भारत से ही होता है. वर्ष 2023 में भारत ने लगभग 32 हजार करोड़ रुपये के मसाले निर्यात किये थे. दुनिया की लगभग 70 प्रतिशत हल्दी का उत्पादन भारत में ही होता है. दूसरे नंबर पर इंडोनेशिया है जहां दुनिया की लगभग 4 प्रतिशत हल्दी का उत्पादन होता है.

भारत की छवि पर भी असर

देखा जाये तो हज़ारों वर्ष से भारत की पहचान मसालों से जुडी हुई है. Indian Curry का टेस्ट दुनिया के कई देशों में पसंद किया जाता है. ऐसे में जब भारतीय मसालों पर सवाल उठते हैं, तो इससे सिर्फ कंपनियों की ही नहीं, बल्कि भारत की छवि पर भी असर पड़ता है.

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