पाकिस्तान का शाही मोहल्ला कैसे बन गया 'हीरामंडी'? ये है संजय लीला भंसाली की सीरीज की असली कहानी
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पाकिस्तान का शाही मोहल्ला कैसे बन गया 'हीरामंडी'? ये है संजय लीला भंसाली की सीरीज की असली कहानी

Heera Mandi History: भंसाली के मुताबिक इस सीरीज की कहानी का आईडिया 14 साल पहले आया था लेकिन उस समय उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया. हालांकि, अब ये कहानी ओटीटी पर धमाल मचाने के लिए तैयार है. लेकिन सवाल है कि संजय लीला भंसाली की सीरीज का नाम 'हीरामंडी' ही क्यों है और 'हीरामंडी' की कहानी क्या है?

पाकिस्तान का शाही मोहल्ला कैसे बन गया 'हीरामंडी'? ये है संजय लीला भंसाली की सीरीज की असली कहानी

Sanjay Leela Bhansali web series Heeramandi: बॉलीवुड में संजय लीला भंसाली की फिल्में अनेक रंगों को अपने में समेटे हुए नजर आती हैं. उनकी फिल्मों में कई तरह के एक्सपेरिमेंट देखने को मिलते हैं. दर्शकों को उनकी फिल्मों का इंतजार रहता है. हालांकि, अब वो ओटीटी पर डेब्यू करने जा रहे हैं. भंसाली 'हीरामंडी' नाम की एक सीरीज लेकर आ रहे हैं जिसका टीजर धमाल मचा रहा है. भंसाली के मुताबिक इस सीरीज की कहानी का आईडिया 14 साल पहले आया था लेकिन उस समय उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया. हालांकि, अब ये कहानी ओटीटी पर धमाल मचाने के लिए तैयार है. लेकिन सवाल है कि संजय लीला भंसाली की सीरीज का नाम 'हीरामंडी' ही क्यों है और 'हीरामंडी' की कहानी क्या है?

शाही मोहल्ले में क्या होता था?

'हीरामंडी' पाकिस्तान का मुगलकालीन मुहल्ला है जिसे एक समय में शाही मोहल्ला के नाम से जाना जाता था. अभी भी इसे कुछ लोग शाही मोहल्ले के नाम से पुकारते हैं लेकिन ऐसे लोगों की संख्या बहुत कम है. अब ये 'हीरामंडी' के नाम से ही प्रचलित है. दरअसल, ये पाकिस्तान का रेडलाइट इलाका है. हालांकि, ऐसा नहीं है कि हमेशा से ये इलाका रेडलाइट ही रहा है. मुगलकाल में यहां कोठे हुआ करते थे जहां तवायफें अपनी कला का प्रदर्शन करती थीं.

तब तवायफों को बुरी नजर से नहीं देखा जाता था बल्कि उन्हें शाही शानो-शौकत का खास हिस्सा माना जाता था. तवायफों के हुनर का आनंद उठाने की इजाजत किसी आम शख्स को नहीं थी बल्कि इन तक पहुंच राजा-महाराजाओं की ही हुआ करती थी. ये अपने संगीत, नृत्य और कला से उनका मनोरंजन करती थीं. 

अंग्रेजी शासन में बदल गई रौनक

उस समय इस शाही मोहल्ले में अफगानिस्तान और उजबेकिस्तान से भी लड़कियां पहुंचीं और राजा-महाराजाओं की खिदमत में शामिल हुईं. लेकिन जैसे ही मुगल काल का प्रभुत्व समाप्त हुआ और अंग्रेजों ने सत्ता संभाली तो इस मोहल्ले की रौनक भी खत्म हो गई. अंग्रेजी शासन में यहां रहने वाली महिलाओं को वैश्या कहा जाने लगा.

इसके नाम की कहानी कुछ यूं है कि महाराजा रणजीत सिंह के मंत्री का नाम हीरा सिंह डोगरा हुआ करता था. इस मंत्री ने शाही मोहल्ले में अनाज मंडी बनवाई थी. इसके बाद इसका नाम 'हीरामंडी' पड़ गया. यहां दिल्ली की जीबी रोड की तरह दिन में बाजार सजता है और लोग शॉपिंग के लिए यहां पहुंचते हैं. रात होते-होते इस इलाके की चमक बदल जाती है.

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