Kolkata: सूरज की रोशनी पड़ने पर भी नहीं नजर आई परछाई, पूरा शहर इस नजारे को देखकर रह गया हैरान
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Kolkata: सूरज की रोशनी पड़ने पर भी नहीं नजर आई परछाई, पूरा शहर इस नजारे को देखकर रह गया हैरान

Zero Shadow moment: अचानक सामने आए जिस अप्रत्याशित घटनाक्रम का गवाह कोलकाता (Kolkata) के लोग बने वो कोई चमत्कार नहीं है. इस घटना को खगोलशास्त्र (Astronomy) की भाषा में  घटनाक्रम जीरो शैडो मोमेंट कहा जाता है. जिसके पीछे बाकायदा पूरा विज्ञान छिपा है.  

Kolkata: सूरज की रोशनी पड़ने पर भी नहीं नजर आई परछाई, पूरा शहर इस नजारे को देखकर रह गया हैरान

Kolkata witnesses zero shadow moment: पश्चिम बंगाल (West Bengal) के कोलकाता में रविवार को एक लम्हा ऐसा आया जब सूरज की भरपूर रोशनी पड़ने पर भी किसी वस्तु की कोई परछाई नहीं नजर आई. तेज रोशनी और भीषण गर्मी के बावजूद राजधानी कोलकाता के सभी उम्र के लोग खास लम्हे का गवाह बनने के लिए सुबह साढ़े 11 बजे से छतों और अन्य स्थानों पर जमा होने लगे और काफी इंतजार के बीच यह खास पल सुबह 11 बजकर 34 मिनट पर आया.

परछाई सिकुड़ी तो नहीं हुआ यकीन

सूरज के चमकने के बावजूद परछाई सिकुड़ गई तो युवा उत्साह से भर उठे. इसके बारे में बताते हुए, खगोलशास्त्री देबिप्रसाद दुआरी ने कहा, ‘दुनियाभर में लोग और कोई भी वस्तु, कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच रहकर अपनी छाया खो देती हैं. हालांकि ऐसा साल में दो बार क्षण भर के लिए होता है. इन दो पलों को ‘शून्य छाया क्षण’ कहा जाता है.’

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वैज्ञानिकों ने बताया इसके पीछे का साइंस

यह तब होता है जब सूरज ठीक सिर के ऊपर होता है. दुआरी ने कहा कि किसी वस्तु पर पड़ने वाले किसी भी तरह का प्रकाश आम तौर पर एक छाया उत्पन्न करता है, जब तक कि वह वस्तु के ठीक ऊपर न हो. शहर भूमध्य रेखा से लगभग 2,500 किलोमीटर और कर्क रेखा से लगभग 93.5 किलोमीटर दूर है.' उन्होंने कहा कि सात जुलाई को सुबह 11 बजकर 41 मिनट पर कोलकाता में एक बार फिर सूरज सिर के ऊपर होगा और यह साल का दूसरा ‘शून्य छाया क्षण’ होगा.

(इनपुट: PTI)

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