Supertech Eco News: ग्रेटर नोएडा वेस्ट की इको विलेज-2 सोसायटी में बीते दो दिनों से अचानक बच्चे बीमार हो रहे हैं. अधिकतर बच्चों में दस्त और पेट दर्द की समस्या है. किसी की बेटी अचानक उल्टियां करने लगी तो किसी का बेटा अचानक बुखार से पीड़ित हो गया. खुद माता-पिता भी दस्त की शिकायत लेकर डॉक्टर के पास पहुंचे. जानिए पूरा मामला.
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Greater Noida West Society: ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सुपरटेक इकोविलेज-2 सोसाइटी में बीते दो दिनों से अचानक बच्चे बीमार हो रहे. ज्यादातर बच्चे तेज बुखार, उल्टी, दस्त और पेट दर्द से परेशान हैं. सोसायटी के निवासियों और डॉक्टरों का मानना है कि दूषित पानी इस बीमारी का मुख्य कारण हो सकता है. पिछले कुछ दिनों में 150 से ज्यादा लोग इलाज के लिए डॉक्टरों के पास पहुंचे हैं. बताया जा रहा कि सोसायटी में पानी के टैंकों की हाल ही में सफाई हुई है. ये समस्या इसके बाद ही हुई है. पानी की समस्या के बाद सोसायटी में लोगों ने पानी खरीदना शुरू कर दिया है. पैनिक बाइंग के चलते आसपास की क्लिनिक में उल्टी-दस्त की दवा की भी शॉर्टेज हो गई.
इको विलेज-2 में कई टावरों में लोग अचानक बीमार हो रहे. सबसे ज्यादा बच्चे इससे प्रभावित हैं. टावर के निवासियों ने बताया कि बच्चों को तेज बुखार और दस्त हुए. सुपरटेक मार्ट में चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर जैतव्य कुशवाहा की क्लीनिक है. उन्होंने बताया कि वे बीते 2 दिनों में 100 से ज्यादा बच्चों को देख चुके हैं. अधिकतर बच्चों में एक जैसी ही बीमारी है. बच्चों के पेट में संक्रमण है जो दूषित भोजन या पानी के कारण हो सकता है. लोगों को संदेह है कि यह समस्या सोसाइटी के पानी के कारण हो सकती है.
उल्टी और दस्त प्रमुख हैं
बीमारी के कारण कई बच्चे सोमवार को स्कूल नहीं गए. सोसाइटी के मार्ट में स्थित क्लीनिक में चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर जैतव्य के पास बीमार बच्चों को लेकर अभिभावकों की भीड़ उमड़ पड़ी. डॉक्टर ने बताया कि सभी बच्चों में लगभग समान लक्षण दिख रहे हैं, जिनमें उल्टी और दस्त प्रमुख हैं. बताया गया कि 100 से ज्यादा बच्चे बीमार हैं.
बीमारी के मामलों के बढ़ने के बाद, सोसाइटी के फैसिलिटी मैनेजर ने पानी की सप्लाई और स्टोरेज टैंकों की जांच की है. फैसिलिटी मैनेजर ने दावा किया कि उन्हें पानी में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि पानी के नमूनों की जांच कराई जाएगी. अगर लैब टेस्ट में कुछ गड़बड़ पाई जाती है, तो सभी टैंकों को खाली करके साफ किया जाएगा और फिर से भर दिया जाएगा.