पत्नी के 300 अश्लील TikTok वीडियो को आधार बनाकर जब पति ने सुप्रीम कोर्ट से जमानत मांगी तो कोर्ट ने कहा कि वीडियो बनाना पत्नी पर क्रूरता का अधिकार नहीं देता.
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को एक व्यक्ति को अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) देने से इनकार कर दिया, जिस पर उसकी पत्नी के साथ क्रूरता का आरोप लगाया गया है. उस व्यक्ति ने अपने बचाव में दावा किया कि उसकी पत्नी ने 300 अश्लील वीडियो बनाए थे.
चीफ जस्टिस एस. ए. बोबडे (Sharad Arvind Bobde) और जस्टिस ए. एस. बोपन्ना और वी. रामसुब्रमण्यन की बेंच ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि उसका क्लाइंट एक क्रूर शख्स है और उसे कोर्ट से किसी राहत की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने जवाब दिया कि उसका क्लाइंट क्रूर नहीं था और उसने कोई क्रूरता नहीं की है.
दरअसल, राजस्थान के इस शख्स ने अपनी पत्नी द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में अग्रिम जमानत की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील की है. अपनी याचिका में शख्स ने दावा किया कि उसकी पत्नी ने कथित तौर पर 300 टिक-टॉक वीडियो बनाए हैं, जो अश्लील हैं. इसपर जस्टिस ने कहा, 'इसका मतलब यह नहीं है कि पुरुष को अपनी पत्नी पर किसी भी तरह की क्रूरता करनी चाहिए. अगर उसने ऐसा किया है, तब भी आप उसके साथ ऐसा बुरा बर्ताव नहीं करेंगे.'
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लेकिन याचिकाकर्ता के वकील ने मामले में राहत के लिए जोर दिया. जिसपर चीफ जस्टिस ने कहा, 'आप उसे तलाक दे देते, यदि आप साथ नहीं रह सकते, क्रूरता की कोई आवश्यकता नहीं है.' याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि मामले में हिरासत में पूछताछ की कोई जरूरत नहीं है. हालांकि, बेंच इस तर्क से सहमत नहीं हुई, और पति द्वारा पत्नी के खिलाफ दर्ज एफआईआर का हवाला दिया.
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जिसके बाद याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उसके क्लाइंट के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर एकतरफा थी. इसपर चीफ जस्टिस ने कहा FIR हमेशा एकतरफा होती हैं और उन्होंने कभी भी दोनों पक्षों द्वारा दायर की गई संयुक्त एफआईआर नहीं देखी है. इस स्टेटमेंट के बाद अदालत ने इस मामले को खारिज कर दिया.
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