Supreme Court: यह फैसला 10 नवंबर को ही सुना दिया गया था. पंजाब सरकार और राज्यपाल विवाद पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा पंजाब के राज्यपाल को फटकार लगाए जाने पर आम आदमी पार्टी ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी.
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Governor And Government: सुप्रीम कोर्ट ने गवर्नर के खिलाफ पंजाब सरकार की याचिका पर 10 नवंबर को दिए गए आदेश पर विस्तृत फैसला अपलोड किया है. इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है. इस अहम फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि अगर गवर्नर विधानसभा की ओर से पारित किसी बिल को सहमति नहीं देते है तो वो बिल को अपने पास पेंडिंग नहीं रख सकते. उन्हें उस बिल को पुर्नविचार के लिए विधायिका को वापस भेजना ही होगा. सुप्रीम कोर्ट का स्पष्टीकरण इसलिए अहम है कि क्योंकि आर्टिकल 200 में साफ तौर पर इस बात का उल्लेख नहीं है कि बिल से असहमति होने की सूरत में गवर्नर का अगला कदम क्या होना चाहिए.
राज्यपाल के लिए क्या है प्रावधान
दरअसल, आर्टिकल 200 राज्यपाल के पास तीन विकल्पों की चर्चा करता है- राज्यपाल बिल को मंजूरी दे. बिल को मजूरी न दे या फिर उसे विचार के लिए राष्ट्रपति के पास भेज दे. इसके साथ में इसमे ये प्रावधान भी जोड़ा गया है कि राज्यपाल बिल से जुड़े कुछ पहलुओं पर पुर्नविचार करने के लिए कहते हुए बिल को विधानसभा को वापस भेज 'सकते हैं.' अगर विधानसभा बिल को संसोधन या बिना संसोधन के फिर से पास करती है तो राज्यपाल को बिल को मंजूरी देनी ही होगी. लेकिन आर्टिकल 200 में इस बात को लेकर स्पष्टता नहीं थी कि क्या बिल को मंजूरी न देने की सूरत में राज्यपाल को उसे वापस भेजना ही होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने विचार किया
तमिलनाडु में भी यही स्थिति पैदा हुई, जब राज्यपाल ने ये साफ किया कि वो बिल को मंजूरी नहीं दे रहे हैं लेकिन उन्होंने विधानसभा को बिल वापस नहीं किये हालांकि विधानसभा ने पुराने बिल जैसे नए बिल को फिर से पारित कर दिया. तमिलनाडु सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए भी सुप्रीम कोर्ट ने इस पर विचार किया कि क्या राज्यपाल किसी बिल को मंजूरी न देने की सूरत में उसे विधानसभा को वापस भेजने के लिए बाध्य है या नहीं.
पंजाब सरकार और राज्यपाल विवाद
आज पंजाब गवर्नर की ओर से बिल पेंडिंग रखने के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका पर आए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने इस सवाल का जवाब दिया है. बता दें कि यह फैसला 10 नवंबर को ही सुना दिया गया था. पंजाब सरकार और राज्यपाल विवाद पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा पंजाब के राज्यपाल को फटकार लगाए जाने पर आम आदमी पार्टी ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी. पार्टी ने इस फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद किया था और कहा कि यह फैसला देश के संविधान व लोकतंत्र को मजबूत बनाने वाला है.