किसान आंदोलनकारी जिद पर अड़े हैं. हालांकि वो ये जरूर चाहते हैं कि सरकार हर तरह की खरीद में न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP की गारंटी दे. आज की सुनवाई से दिल्ली के व्यापारी और जनता दोनों मामले का हल निकलने की उम्मीद कर रहे हैं.
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नई दिल्ली: किसान आंदोलन के लिए आज अहम दिन है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) आज दिल्ली में डटे किसानों से संबंधित सभी मामलों की सुनवाई करेगा. केंद्र सरकार और किसानों के बीच आठ दौर की बातचीत बेनतीजा रही है. सरकार ने अपना पक्ष रखने के लिए विस्तृत तैयारी की है. कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसानों का आंदोलन करीब 47 दिन से जारी है. प्रदर्शन को लेकर कोर्ट में कई याचिकाएं लगी हैं. ऐसी एक याचिका में कहा गया था कि किसानों के प्रदर्शन से रोजाना करीब 3,500 करोड़ का नुकसान हो रहा है. उस अर्जी में दिल्ली की सीमाओं को अदालती आदेश के जरिए खाली कराने की मांग की गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की पिछली सुनवाई 17 दिसंबर को की थी. कोर्ट ने कहा था कि किसान अगर शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं तो फिलहाल मामले में यथास्थिति बने रहने दी जाए. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने विवाद के निपटारे के लिए चर्चा पर जोर दिया था. सुप्रीम कोर्ट आंदोलन के कारण कोरोना संक्रमण (Corona Pandemic) के खतरे पर चिंता जाहिर कर चुकी है. केंद्र सरकार से आंदोलन के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल को पूरा करने संबंधी जानकारी मांगी थी. इस आंदोलन के बीच बर्ड फ्लू (Bird Flu) का मसला भी दिल्ली की की सीमाओं के आर-पार गूंजता रहा. किसानों के इस आंदोलन में खालिस्तान के झंडे और कनाडा से हुई फंडिंग पर भी चिंता जताई जा चुकी है.
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इससे पहले हुई सुनवाई में मौजूदा गतिरोध दूर करने की मंशा से सर्वोच्च अदालत ने चीफ जस्टिस एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया था. कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि क्या वह कानूनों की वैधता पर फैसला होने तक उनके अमल पर रोक लगा सकती है? इसलिए आज की सुनवाई के दौरान आंदोलनकारी किसान अपने पक्ष में किसी चमत्कार की उम्मीद कर सकते हैं. वहीं केंद्र सरकार साफ कर चुकी है कि वो कानून वापसी के बजाए उन प्रावधानों पर चर्चा करने को तैयार है जिन पर किसान संगठनों को आपत्ति है.
किसान आंदोलनकारी जिद पर अड़े हैं. हालांकि वो ये जरूर चाहते हैं कि सरकार हर तरह की खरीद में न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP की गारंटी दे. आज की सुनवाई से दिल्ली के व्यापारी और जनता दोनों मामले का हल निकलने की उम्मीद कर रहे हैं.
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