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नई दिल्ली: हिजाब विवाद (Hijab Row) मामले को लेकर एडवोकेट देवदत्त कामत ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से जल्द सुनवाई की मांग की है. उन्होंने कहा है कि 28 मार्च से परीक्षाएं शुरू होने वाली है. ऐसे में सर्वोच्च अदालत को जल्द से जल्द इस मामले की सुनवाई करनी चाहिए.
देवदत्त कामत की दलील पर चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने कहा, 'परीक्षाओं का इस मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है. इसका जिक्र कर सनसनी न फैलाएं.' बता दें कि इससे पहले भी अदालत ने हिजाब विवाद पर तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए कहा था कि होली की छुट्टियों के बाद इस पर विचार किया जाएगा.
गुरुवार को CJI के समक्ष मामले को तत्काल सुनवाई के लिए रखा गया था.इस दौरान एडवोकेट कामत ने कहा कि 28 मार्च से छात्रों की परीक्षाएं होने वाली हैं.ऐसे में यदि उन्हें हिजाब के साथ एंट्री नहीं दी गई तो फिर उनका एक साल बर्बाद हो जाएगा.
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कर्नाटक में इस विवाद की शुरुआत जनवरी महीने में हुई थी. यहां उडुपी के सरकारी पीयू कॉलेज में हिजाब पहनीं 6 छात्राओं को कॉलेज प्रशासन ने प्रवेश की अनुमति नहीं दी थी. कॉलेज प्रशासन ने इसके पीछे ड्रेस कोड में समानता का हवाला दिया था. हिजाब पहनकर कक्षाओं में प्रवेश की मांग करने वाली छात्राओं ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. कॉलेज के फैसले को संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत उनके मौलिक अधिकार का हनन बताया था. मामले पर कर्नाटक हाई कोर्ट की एकल पीठ ने सुनवाई करने के बाद केस को 9 फरवरी को बड़ी बेंच के पास भेजा था. बड़ी बेंच ने 11 दिनों तक चली सुनवाई के बाद राज्य सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए कहा था कि हिजाब इस्लामिक मान्यता में अनिवार्य नहीं है.
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