क्रिकेट से भी रहा स्वामी विवेकानंद का नाता, अंग्रेजों के छुड़ाए थे छक्के
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क्रिकेट से भी रहा स्वामी विवेकानंद का नाता, अंग्रेजों के छुड़ाए थे छक्के

आपको जानकारी हैरानी होगी कि क्रिकेट से भी स्वामी विवेकानंद का नाता रहा है. बता दें कि एक मैच के दौरान विवेकानंद ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे.

आज है विवेकानंद की जयंती

नई दिल्ली: महान संत और दार्शनिक स्वामी विवेकानंद की आज जयंती है. आज यानी 12 जनवरी को स्वामी का जन्म हुआ था. वर्ष 1863 में स्वामी ने बंगाल की राजधानी कोलकाता में जन्म लिया. 4 जुलाई 1902 को 39 वर्ष की आयु में उनका देहावासन हुआ. आज देश उन्हें याद कर रहा है. प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है. बता दें कि विवेकानंद संत रामकृष्णा परमहंस के शिष्य थे. आपको जानकारी हैरानी होगी युवाओं के आदर्श स्वामी विवेकानंद अपने समय के अच्छे क्रिकेटर और बेहतरीन ऑलराउंडर थे. उन्हें फुलबॉल, बॉक्सिंग के साथ-साथ क्रिकेट में बहुत दिलचस्पी थी. क्रिकेट में तो उन्हें महारत हासिल थी. 

  1. क्रिकेट से भी रहा है स्वामी विवेकानंद का नाता
  2. अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे.
  3. जयंती पर जानें खास बातें

अंग्रेजों के खिलाफ शानदार गेंदबाजी करते हुए 7 विकेट लिए

जानकार हैरानी होगी की स्वामी विवेकानंद ने क्रिकेट के मैदान पर अंग्रेजों के खिलाफ धूम मचाई थी. माना जाता है विवेकानंद ने कोलकाता के ऐतिहासिक ईडन गार्डंस स्टेडियम में करीब 135 साल पहले खेले गए मैच में अंग्रेजों के खिलाफ शानदार गेंदबाजी करते हुए 7 विकेट लिए थे.

महज 20 बना पाए थे अंग्रेज

बता दें कि उस दौरान समय पास करने और मनोरंजन के लिए अंग्रेज क्रिकेट खेलते थे. धीरे-धीरे ये खेल भारत में भी पंसद किया जाने लगा था. फिर कई देश में ज्यादातर स्थानों पर क्रिकेट खेले जाने लगा. कोलकाता में भी क्रिकेट कई क्लब खुल गए और बड़ी संख्या में युवा इस खेल को अपना रहे थे. करीब 136 साल पहले ईडन गार्डेंस पर खेले गए उस ऐतिहासिक मैच में स्वामी विवेकानंद टाऊन क्लब टीम के लिए कलकत्ता क्रिकेट क्लब के खिलाफ मैदान पर उतरे थे. दिलचस्प यह है कि इस दौरान अंग्रेज स्कोरबोर्ड पर महज 20 ही रन बना सके थे. बहरहाल इसके बाद स्वामी विवेकानंद ने अपना पूरा जीवन देश को समर्पित कर दिया था. क्रिकेट के बाद वह अपने आदर्शों का पालन करते हुए वे महान विचारक बन गए  और दुनियाभर में मानवीयता का संदेश फैलाने लगे. 

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