ट्रेडमार्क के डिप्टी रजिस्ट्रार ने ‘स्विस मिलिट्री’ के इस ट्रेडमार्क के लिए रजिस्ट्रेशन की अनुमति दे दी थी. यह ट्रेडमार्क एक काले रंग के बैकग्राउंड पर एक सफेद क्रॉस के साथ अंकित था.
Trending Photos
कपड़े के लिए ट्रेडमार्क के रूप में ‘स्विस मिलिट्री’ का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया जा सकता. दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को अपने एक फैसले में इस बात को कहा है. हाई कोर्ट ने आपत्ति इसलिए जताई क्योंकि उसकी नजर में ये शब्द भी ‘इंडियन एयरफोर्स’ की तरह है, इसकी वजह से लोगों में भ्रम पैदा हो सकता है.
हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि ‘आर्मी’ शब्द का इस्तेमाल हल्के ढंग से नहीं किया जा सकता और ‘स्विस मिलिट्री’ ट्रेडमार्क स्विट्जरलैंड के ऑफिशियल एस्टेब्लिशमेंट (आधिकारिक प्रतिष्ठान) से जुड़ाव को दर्शाता है. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने 25 जुलाई, 2022 के ट्रेडमार्क डिप्टी रजिस्ट्रार के आदेश को रद्द कर दिया.
ट्रेडमार्क के डिप्टी रजिस्ट्रार ने ‘स्विस मिलिट्री’ के इस ट्रेडमार्क के लिए रजिस्ट्रेशन की अनुमति दे दी थी. यह ट्रेडमार्क एक काले रंग के बैकग्राउंड पर एक सफेद क्रॉस के साथ अंकित था.
स्विट्जरलैंड सरकार की मिलिट्री विंग ने जताई आपत्ति
स्विट्जरलैंड सरकार की मिलिट्री विंग अरमासुइस ने डिप्टी रजिस्ट्रार के आदेशों को चुनौती देते हुए दो याचिकाएं दायर की थीं. अरमासुइस स्विट्जरलैंड की फेडरल एजेंसी है, जो हथियारों का सौदा करती है. एजेंसी के आधिकारिक सिंबल में लाल रंग के बैकग्राउंड पर एक सफेद क्रॉस बना हुआ है.
भारत की आर्मी के चिन्हों को देखने पर भी ऐसा ही लगेगा
जस्टिस सी हरि शंकर ने कहा कि यह ट्रेडमार्क इस प्रकार का है, जिससे लोग भ्रमित हो सकते हैं. लोग सामान को स्विट्जरलैंड का मान सकते हैं. एक उदाहरण का हवाला देते हुए, न्यायाधीश ने कहा कि अगर 'भारतीय वायु सेना' शब्दों वाले बैकपैक्स को भारत के बाहर के लोगों द्वारा देखा जाता है, तो वो भी उसे भारतीय वायु सेना के साथ जुड़ा हुआ मानेंगे, फिर चाहे शब्द आधिकारिक भारतीय वायु सेना के प्रतीक चिन्ह के साथ हों या न हों.
पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की ज़रूरत नहीं