तेजस्वी ने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया, ''आज से दो दिनों के लिए बाढ़ प्रभावित दौरे पर हूं. वहां बिहार सरकार के निर्देशानुसार इंटरनेट बंद है.''
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पटना: बिहार में बाढ़ से प्रभावित इलाकों का जायजा लेने के लिए मंगलवार से निकले राजद नेता तेजस्वी यादव के ट्वीट पर बिहार की सियासी घमासान शुरू हो गया है. दरअसल तेजस्वी यादव जब बाढ़ प्रभावित समस्तीपुर पहुंचे तो उनको वहां इंटरनेट का सिग्नल नहीं मिला. इस पर तेजस्वी ने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया, ''आज से दो दिनों के लिए बाढ़ प्रभावित दौरे पर हूं. वहां बिहार सरकार के निर्देशानुसार इंटरनेट बंद है.'' इसके बाद एक दूसरे ट्वीट में सवालिया लहजे में कहा, ''विधानसभा में मेरे भाषण का लाइव टेलीकास्ट रोका, भागलपुर में सभास्थल पर धारा 144 लगवाई. इंटरनेट सेवा बंद करवा रहे. लेकिन जनता को कैसे रोकोगे?'' इस पर तेजस्वी यादव की पार्टी राजद ने कहा, ''तेजस्वी जी की लोकप्रियता से डर गई है नीतीश सरकार. उनके दौरे से ठीक पहले मधेपुरा, किशनगंज, अररिया, सुपौल में इंटरनेट बंद करवा दिया गया है.''
आज से दो दिन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर हूँ। वहाँ बिहार सरकार के निर्देशानुसार इंटरनेट बंद है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) September 5, 2017
विधानसभा में मेरे भाषण का Live telecast रोका, भागलपुर में सभास्थल पर धारा 144 लगवाई। इंटरनेट बंद करवा रहे। लेकिन जनता को कैसे रोकोगे? https://t.co/s3LvruJ7mp
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) September 5, 2017
तेजस्वी के इस ट्वीट के बदले में पलटवार करते हुए सत्ताधारी जदयू के प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव फाइव स्टार नेता हैं, जो बाढ़ का पानी उतरने के बाद अब पर्यटन के मकसद से वहां हालात का जायजा लेने निकले हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यदि राजद नेता राज्य सरकार को यह बताते कि इन हालात में क्या कदम उठाए जाने चाहिए थे तो कुछ और बात होती लेकिन ऐसा न करके वह जनता का ध्यान भटकाने के लिए दूसरे मुद्दे उठा रहे हैं.
तेजस्वी के बाढ़ दौरे पर सवाल उठ रहे हैं. दरअसल मंगलवार से ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद भी बाढ़ग्रस्त इलाकों का जायजा लेने के लिए निकले हैं, ऐसे में कहा जा रहा है कि आननफानन में राजद नेता ने अपना कार्यक्रम भी बनाया. उल्लेखनीय है कि इस साल बिहार में बाढ़ से 500 से भी ज्यादा लोगों की मौत हुई है. इसके साथ ही चंपारण से लेकरि किशनगंज तक तकरीबन एक करोड़ 70 लाख लोग इस साल बाढ़ से उपजी विभीषिका की मार झेल रहे हैं.