कश्मीर से होगा आतंकवाद और ड्रोन हमलों का सफाया, इन्फेंट्री में हुए 460 जवान भर्ती
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कश्मीर से होगा आतंकवाद और ड्रोन हमलों का सफाया, इन्फेंट्री में हुए 460 जवान भर्ती

Jammu Kashmir: कश्मीर में सुरक्षा बालों को और मजबूती मिलने वाली है. अब कश्मीर में ड्रोन हमलों से भी निजात मिलने वाला है. दरअसल, जम्मू कश्मीर को 460 नए जवान मिले हैं.

परेड में शामिल ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकेडमी के कमांडेंट। (फोटो साभार- एएनआई)

नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर में आतंक का सफाया और ड्रोन की घटनाओं पर लगाम लगने वाली है. इसके लिए जम्मू और कश्मीर लाइट इन्फेंट्री (Jammu and Kashmir Light Infantry) ने पूरी तैयारी कर ली है. दरअसल, 460 नए जवानों को हाल ही में इन्फेंट्री में शामिल किया गया है. जम्मू के दंसल गांव में जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फेंट्री के रेजिमेंटल सेंटर ने भर्ती प्रशिक्षण कैंप इन नए जवानों की एक परेड आयोजित की. 

  1. कश्मीर लाइट इन्फैंट्री में शामिल हुए 460 जवान
  2. 40 हफ्ते की कठिन ट्रेनिंग के बाद हुए हैं तैयार
  3. ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकेडमी के कमांडेंट ने दी बधाई

चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकेडमी के कमांडेंट और जेएके एलआई रेजिमेंट के कर्नल लेफ्टिनेंट जनरल एमके दास ने इस परेड का निरीक्षण किया. कमांडेंट ने जवानों बधाई दी और देश के राष्ट्र की निस्वार्थ सेवा के लिए प्रेरित किया. एमके दास ने जम्मू-कश्मीर के युवाओं को सुरक्षा बलों की फौज में शामिल होने के लिए धन्यवाद दिया और उनके योगदान की सराहना भी की.

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40 हफ्ते की ट्रेनिंग के बाद ट्रेन्ड हुए जवान 

जवानों को संबोधित करते हुए दास ने कहा, ‘आप सभी को एक निष्पक्ष कठिन प्रोसेस से सेना के लिए चुना गया है. 40 हफ्ते की ट्रेनिंग के बाद आप सभी सैनिक अब ट्रेन्ड हैं. सेना की अलग-अलग यूनिट्स में आपकी पोस्टिंग के आधार पर आपको मिलने वाले आगामी प्रशिक्षण के लिए मैं आपको बधाई देता हूं.

जवानों का किया सम्मान

जनरल एमके दास ने ट्रेनिंग के विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले जवानों को भी सम्मानित किया. शेर-ए-कश्मीर स्वॉर्ड ऑफ ऑनर और त्रिवेणी सिंह मेडल से सम्मानित रिक्रूट पीर सरताज अहमद वानी ने कहा कि 'जब मैं बचपन में सैनिकों को देखा करते था तब से ही वर्दी पहनना मेरा सपना था. यह एक ऐसा एहसास है, जिसका जिक्र नहीं किया जा सकता है. मैं कठोर ट्रेनिंग के बाद यहां आकर बहुत खुश हूं. मैं जहां भी तैनात रहूंगा, वहां मैं अपने देश की सेवा करने के लिए तैयार हूं.’

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इसके अलावा एक अन्य चयनित जवान मोहम्मद असद जिन्हें ‘ड्रिल में सर्वश्रेष्ठ’ होने के लिए बाना सिंह पदक से नवाजा गया है. वे कहते हैं कि 'मेरे पिता ने भी सेना में सेवा की, जिसने मुझे भी सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित किया. सेना आपको एक अलग पहचान देती है. यह आपको अनुशासन सिखाती है.’

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