वेंकैया नायडू ने आतंकवाद को बताया सबसे बड़ा खतरा, कहा- इससे मिलकर लड़ना होगा
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वेंकैया नायडू ने आतंकवाद को बताया सबसे बड़ा खतरा, कहा- इससे मिलकर लड़ना होगा

 उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को यहां 12वें एशिया-यूरोप बैठक (एएसईएम) शिखर सम्मेलन के दौरान आतंकवाद को शांति और स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बताते हुए वैश्विक आतंकवाद पर व्यापक समझौते को जल्द पूरा करने का आह्वान किया. 

उपराष्ट्रपति ने आर्थिक अपराधियों को शरण नहीं देने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत बताई.(फोटो-@VPSecretariat)

ब्रूसेल्स: उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को यहां 12वें एशिया-यूरोप बैठक (एएसईएम) शिखर सम्मेलन के दौरान आतंकवाद को शांति और स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बताते हुए वैश्विक आतंकवाद पर व्यापक समझौते को जल्द पूरा करने का आह्वान किया. नायडू सम्मेलन में पूर्ण सत्र को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने ने गुरुवार को 12वें एशिया-यूरोप बैठक (एएसईएम) शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया था.  इसकी थीम ‘वैश्विक चुनौतियों के लिए वैश्विक साझेदार’ है. उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत एएसईएम को ऐसे मंच के तौर पर अहमियत देता है जो वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए एशिया और यूरोप के नेतृत्व को विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए एक साथ लाता है.

आतंकवाद को शांति और स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बताते हुए नायडू ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक समझौते को जल्द अपनाने का आह्वान किया और कहा कि तरक्की के लिए शांति पहली जरूरत है और आतंकवाद से लड़े बिना इसे हासिल नहीं किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि आर्थिक अपराधियों द्वारा सार्वजनिक संपत्ति का गबन वित्तीय व्यवस्था पर भरोसे के लिए खतरा पेश कर रहा है. उपराष्ट्रपति ने आर्थिक अपराधियों को शरण नहीं देने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत बताई, जिसमें सूचना के स्वचालित आदान प्रदान के लिए तंत्र को बढ़ाना भी शामिल है. उन्होंने भारत सरकार की कई पहल, जिनमें समावेशी शासन, महिला कल्याण, टिकाऊ विकास और डिजिटलीकरण शामिल हैं, का उल्लेख किया.  

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