Hightech Chinese Drone: इस हाईटेक चीनी प्रोडक्ट से दहशतगर्दी की फिराक में आतंकी, बढ़ाई एजेंसियों की टेंशन
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Hightech Chinese Drone: इस हाईटेक चीनी प्रोडक्ट से दहशतगर्दी की फिराक में आतंकी, बढ़ाई एजेंसियों की टेंशन

High Tech Military Drones: आतंकी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए हाईटेक चीनी ड्रोन (Hightech Chinese Drone) का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसका ब्लू प्रिंट आतंकी तैयार कर चुके हैं.

Hightech Chinese Drone: इस हाईटेक चीनी प्रोडक्ट से दहशतगर्दी की फिराक में आतंकी, बढ़ाई एजेंसियों की टेंशन

Chinese Drone: सीमावर्ती इलाकों में धुंध पड़ने से सीमा पार से घुसपैठ भी बढ़ रही है. जानकारी के मुताबिक, पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा (India-Pakistan Border) पर कुछ दिनों से ड्रोन (Drone) से आरडीएक्स और हथियारों की तस्करी के मामलों में भारी बढ़ोतरी हुई है. आतंकी सीमावर्ती क्षेत्रों और देश के संजीदा इलाकों में कुछ बड़ी आतंकवादी घटना को अंजाम देने की तैयारी में हैं. इसके लिए उन्होंने इटली में अक्टूबर में आईएसआई के बड़े आला अफसरों और खालिस्तानी आतंकियों के साथ मिलकर एक योजना तैयार की है. जिसके लिए बाकयदा एक ब्लू प्रिंट तैयार किया गया है. इसको खालिस्तानी आतंकी और कुख्यात गैंगस्टर हरविंदर सिंह रिंदा संधू ने अंजाम देना था लेकिन अचानक हुई उसकी मौत के बाद यह प्लान कुछ समय के लिए रोक दिया गया था. और अब उसी ब्लू प्रिंट के आधार पर अब लखबीर सिंह हरिके लंडा इस आतंकी घटना को अंजाम देने की फिराक में है.

आतंकी उठा सकते हैं धुंध का फायदा

आपको बता दें कि सर्दी का मौसम आते ही भारत-पाक सीमा पर अधिक धुंध होने के कारण तस्कर, गैंगस्टर और आतंकी काफी ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं. अपने मंसूबों को कामयाब करने के लिए धुंध और सर्दी का सहारा लेने की फिराक में बैठे रहते हैं. अब सबसे खतरनाक चीज यह है कि तस्करों, गैंगस्टरों और आतंकियों का आपस में गठजोड़ हो चुका है जो कि आतंकी रिंदा ने जिंदा रहते करवाया था. इसके कारण खतरा और भी ज्यादा बढ़ गया है.

आतंकी घटना को अंजाम देने की फिराक में आतंकी

बीएसएफ सूत्रों का मानना है कि तस्करी के खेल में चंद रुपये के लालच में भीतर बैठे कुछ जिम्मेदार लोग और सरहद के पास रहने वाले लोग सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं. दूसरी तरफ सरकार की ओर से बार्डर पार और विदेशों में बसे देश विरोधी एवं आतंकवादियों के खिलाफ की जा रही सर्जिकल स्ट्राइक के बाद देश विरोधी ताकतें ताक मैं हैं कि किस तरह भारत में अशांति फैलाई जाए. इसीलिए ताजा अलर्ट में खासकर भारत की पाक से लगती सीमा पर पूरी तरह से जवानों को अलर्ट किया गया है. खतरनाक आतंकी रिंदा की मौत के बाद हुई खालिस्तानियों की बदनामी के बाद बार्डर पार पाकिस्तान और विदेशों में बैठे आतंकियों के मंसूबे अभी ठंडे नहीं पड़े हैं. बस वो अपने मुताबिक सही वक्त की तलाश में हैं कि कब हमला किया जाए और भारत देश में खासकर पंजाब में बड़ी आतंकी घटना को अंजाम दिया जाए.

तस्कर और आतंकियों का गठजोड़

आपको बता दें कि आला खुफिया जांच एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि खासकर कोहरे और धुंध के मौसम में ये लोग अपने मंसूबों को आगे बढ़ाने में लग जाते हैं. बार्डर पर सुरक्षा के लिहाज से अभी भी अत्याधुनिक सुविधाओं की कमी है जिसका फायदा यह लोग उठा सकते हैं. इसके साथ ही सर्दी के मौसम में धुंध और कोहरे के बीच किसी भी प्रकार की हलचल को नोटिस करना बीएसएफ के जवानों के लिए एक कड़ी चुनौती हमेशा से होता है. इसका फायदा सीमा पर बैठे तस्कर उठाकर मादक पदार्थ भारत में भेजने के लिए सक्रिय हो जाते हैं और वो अब आतंकियों की मदद में भी लगे हुए हैं.

अगर हम देश की सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों की मानें तो आतंकी ड्रग व हथियारों की तस्करी में अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं. ऐसे में उन्हें ट्रेस करने में भी काफी दिक्कत उठानी पड़ रही है. आरोपी अब वर्चुअल ऐप, डार्कनेट और विदेशी सिम कार्ड का भी का प्रयोग कर रहे हैं. साथ ही साथ भारत-पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में इन दिनों घनी धुंध और कोहरे के बीच ड्रोन गतिविधियां बढ़ गई हैं. गैंगस्टर और आतंकी, तस्करों के साथ मिलकर इस सर्दी के मौसम में धुंध का फायदा उठाने का प्रयास करने में लगे हुए हैं. आपराधिक तत्वों की सक्रियता सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती बन गई है. सेना, बीएसएफ और पुलिस के लिए सीमा पार से आ रहे ड्रोन एक बड़ी मुसीबत बने हुए हैं. केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अब तक भारत-पाक सीमा पर करीब 200 ड्रोन देखे गए, जिनमें से 171 पंजाब के साथ लगती भारत की सीमा में घुस आए थे.

आपको बता दें कि सूत्रों के मुताबिक, बीते कुछ सप्ताह के भीतर पंजाब की सीमा पर काफी सारे ड्रोन देखे गए, जिनमें से बीएसएफ ने कुछ ड्रोन्स को मार गिराया और कुछ जवानों की भारी गोलीबारी के कारण पाक वापस लौट गए. पंजाब में इस साल अब तक 191 से अधिक ऐसी गतिविधियां पकड़ी गई हैं. ड्रोन की बढ़ती गतिविधियों ने सुरक्षा एजेंसियों को सकते में डाल दिया है. ड्रोन की आवाजाही सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक चुनौती बनी हुई है. बीएसएफ के एक आला अधिकारी का कहना है कि इस सीजन में धुंध बढ़ने से ड्रोन की गतिविधियां एक दम से काफी बढ़ गई हैं.

खराब मौसम के कारण ड्रोन को डिटेक्ट करना हालांकि मुश्किल रहता है. बावजूद इसके बीएसएफ पूरी तरह से मुस्तैद है. सीमा सुरक्षा बल नई तकनीक पर भी काम कर रहा है, जिससे ड्रोन की गतिविधियों को पूरी तरह से जल्द रोका जा सकेगा. गौरतलब है कि नशीले पदार्थ, हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल पहली बार 2019 में पंजाब में सामने आया था. सीमा सुरक्षा बल पाकिस्तान के साथ सीमा के 553 किलोमीटर के हिस्से की रक्षा कर रहा है.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान की एजेंसी आईएसआई समर्थित तस्कर हाईटेक चीनी ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं. ये न्यूनतम ध्वनि और उच्च स्तर पर उड़ान भरने में सक्षम हैं. ऐसे में उन्हें ट्रेस करने में भी काफी दिक्कत उठानी पड़ रही है. इसके साथ-साथ आतंकी, गैंगस्टर और तस्कर अब वर्चुअल ऐप, डार्कनेट और विदेशी सिम का प्रयोग धड़ल्ले से कर रहे हैं. इससे उन्हें काबू करने में काफी समस्या आ रही है.

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