'सूचना पक्की और स्पष्ट थी कि लश्कर आतंकी दुजाना मकान में छिपा है'
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'सूचना पक्की और स्पष्ट थी कि लश्कर आतंकी दुजाना मकान में छिपा है'

वह करीब आधी रात का वक्त था, जब अचानक सुरक्षा अधिकारियों के फोन घनघना उठे. सूचना पक्की और स्नष्ट थी कि लश्करे तैयबा का कश्मीर क्षेत्र का प्रमुख अबु दुजाना इलाके के एक मकान में छिपा है. यह गुप्त सूचना एक विश्वसनीय सूत्र से मिली थी इसलिए गंवाने के लिए समय बिलकुल नहीं था. रातभर चले उस अभियान को याद करते हुए अधिकारियों ने दुजाना की मौत के अंजाम तक पहुंचे नाटकीय घटनाक्रम की सिलसिलेवार जानकारी दी.

आतंकी दुजाना के सिर पर 10 लाख रुपए का इनाम था.                      (फाइल फोटो)

पुलवामा (जम्मू कश्मीर) : वह करीब आधी रात का वक्त था, जब अचानक सुरक्षा अधिकारियों के फोन घनघना उठे. सूचना पक्की और स्नष्ट थी कि लश्करे तैयबा का कश्मीर क्षेत्र का प्रमुख अबु दुजाना इलाके के एक मकान में छिपा है. यह गुप्त सूचना एक विश्वसनीय सूत्र से मिली थी इसलिए गंवाने के लिए समय बिलकुल नहीं था. रातभर चले उस अभियान को याद करते हुए अधिकारियों ने दुजाना की मौत के अंजाम तक पहुंचे नाटकीय घटनाक्रम की सिलसिलेवार जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि विशेष अभियान समूह (एसओजी) की क्रैक टीमों को तुरंत चौकन्ना कर दिया गया और हकरीपुरा की तरफ भेजा गया. यह इलाका नेवा के करीब है, जो लश्कर ए तैयबा आतंकियों का गढ़ माना जाता है और पुलवामा के जिला मुख्यालय से 13 किलोमीटर के फासले पर है.

सुरक्षा बलों को पथराव का सामना करना पड़ा

उप महा निरीक्षक (दक्षिण कश्मीर) स्वयं प्रकाश पाणि ने मौके पर पहुंचने में ज्यादा वक्त नहीं लगाया और इस अभियान का खुद मुआइना किया. हालांकि मौके पर पहुंचे सुरक्षा बलों को पथराव का सामना करना पड़ा और मकान के भीतर से आम नागरिकों को निकाला गया. दुजाना की असली पहचान कोई नहीं जानता, सिर्फ इतना पता था कि वह पाकिस्तान से ताल्लुक रखता था. अभियान में शामिल अधिकारियों ने अपनी पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि दुजाना इससे पहले करीब 12 बार पुलिस के घेरे से फरार हो चुका है.

उन्होंने बताया कि पुलवामा जिला पुलिस ने एसओजी, विक्टर फोर्स और सीआरपीएफ की 182-182 बटालियन के सैन्यकर्मियों के साथ घेरा कस दिया और उस इलाके को बाकी इलाके से अलग कर दिया, जहां यह अभियान चलाया जा रहा था. अधिकारियों ने बताया कि पहला काम उस घने रिहायशी इलाके से नागरिकों को निकालने का था, जहां दुजाना लश्कर ए तैयबा के एक अन्य आतंकी आरिफ भट के साथ छिपा हुआ था. दूसरा कदम उस मकान से नागरिकों का निकालने का था.

पूरी रात चला अभियान सुबह खत्म हुआ

अधिकारियों ने बताया कि भीतर छिपे आतंकियों की गोलियों के बीच एसओजी कर्मियों ने सबसे पहले मकान में प्रवेश किया और कवर फायर के बीच छह लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. उसके बाद दोनो तरफ से हुई गोलीबारी में दुजाना और भट को मार गिराया गया. लश्कर ए तैयबा के दो प्रमुख आतंकियों के मारे जाने का एहसास होते ही सशस्त्र आतंकी, जो शायद वहां एकत्र हुई भीड़ में शामिल थे, ने अभियान में शामिल सुरक्षाकर्मियों पर गोलियां चलाना शुरू कर दिया.

अधिकारियों ने बताया कि पूरी रात चला अभियान सुबह सूरज की पहली किरण के साथ तकरीबन साढ़े छह बजे खत्म हुआ. इस अभियान में A+++श्रेणी का आतंकी दुजाना मारा गया, जिसके सिर पर 10 लाख रुपए का इनाम था. दुजाना ने 2013 में गुट के डिविजनल कमांडर अबु कासिम के बाद संगठन की कमान संभाली थी.

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