गृहमंत्री ने शहीदों के परिजनों को मिलने वाली अनुग्रह राशि को बढ़ाकर एक करोड़ करने को लेकर किए गए प्रयासों का उल्लेेेेख किया है.
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नई दिल्ली: गृहमंत्री राजनाथ सिंह के अनुसार पाकिस्तान और बांग्लादेश से जुड़ी 6387 किमी लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा करने वाली बीएसएफ विश्व की सबसे बड़ी सीमा रक्षक बल है. बीएसएफ देश की सीमा पर असीमित जिम्मेदारियों का निर्वाह कर रहा है. उन्होंने कहा कि ‘वीरता के लिये पुलिस पदक’ इन वीरों द्वारा दिए गए बहुमूल्य योगदान का देश की तरफ से किया गया सम्मान है. देश की पहली सुरक्षा दीवार बीएसएफ के इन वीरों का शौर्य प्रखर राष्ट्रीय स्वाभिमान का प्रतीक है, वहीं उनका बलिदान सर्वोच्च है. देश की एकता एवं संप्रभुता को सर्वोपरि रखते हुए सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में बीएसएफ की अहम भूमिका है.
उन्होंने कहा कि आतंकरोधी, नक्सलरोधी एवं अन्य आंतरिक सुरक्षा कर्यतव्यों में इस बल द्वारा निभाई गई भूमिकाओं और दूसरी बार एवरेस्ट फतह करने वाली बीएसएफ टीम को बधाई की हकदार है. इस दौरान उन्होंने शहीदों के परिजनों को सरकार की तरफ से हर संभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन भी दिया. उन्होंने कहा कि शहीदों के परिजनों को मिलने वाली अनुग्रह राशि को एक करोड़ करने के लिये सरकार प्रयासरत है. गृहमंत्री राजनाथ सिंह विज्ञान भवन में आयोजित सीमा सुरक्षा बल के ‘16वें अलंकरण समारोह’को संबोधित कर रहे थे.
Attended the @BSF_India Investiture ceremony in New Delhi today. Our BSF jawans perform the duty of protecting India’s boundaries and their duty knows no boundary. They do not fire the first bullet but they do know how to give a befitting reply. pic.twitter.com/qPggpLhjBX
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) May 22, 2018
इस दौरान, बीएसएफ के महानिदेशक केके शर्मा ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल का हर सदस्य, देशहित में 24 घंटे कार्य कर रहा है. बीएसएफ के जवान रेत, दलदल, बर्फ, जंगल, बारिश, ठंड और गर्मी सहित हर जगह और हर मौसम में अपने दायित्वों का निर्वाह कर रहे हैं. भले ही, इसके लिये उन्हें अपने जीवन का बलिदान क्यूं न करना पड़े. उन्होंने कहा कि सीमा प्रहरी किसी भी कीमत पर देश की आन-बान और गरिमा पर आंच नहीं आने देगा. बल की सामाजिक गतिविधियों का उल्लेख करने के साथ ही उन्होंने दिनांक 20 -21 मई 2018 को बीएसएफ टीम द्वारा दूसरी बार किए गए एवरेस्ट फतह का भी जिक्र किया. इस अवसर पर बीएसएफ की विभिन्न पुस्तकों का गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने विमोचन किया. जिसमें BSF History, Coffee table book, Happiness & Health, सफर सिपाही का - स्कूल से सरहद तक और सीमा प्रहरी संगिनियों की संस्था ‘बावा’ की पत्रिका ‘प्रहरी संगिनी’ का विमोचन शामिल है.
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समारोह के दौरान गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बीएसएफ के 46 सदस्यों को वीरता के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया. इसमें 14 बल सदस्यों को वीरता के लिये पुलिस पदक दिया गया है. वहीं 25 सेवारत बल सदस्यों और 7 सेवानिवृत्त सदस्यों को सराहनीय सेवा के लिये पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है. इनमें 4 सदस्यों को बलिदानोपरांत ‘वीरता के लिये पुलिस पदक’से सम्मानित किया गया है. बलिदानोपरांत पुलिस पदक पाने वाले बहादुरों के पदक उनके परिजनों ने ग्रहण किये गए हैं. पदक पाने वालों में 98वीं बटालियन के स्वर्गीय आदिल अब्बास (मुख्य आरक्षक), 9वीं बटालियन के स्वर्गीय राम गवरिया (आरक्षक), स्वर्गीय देवेंद्र सिंह (आरक्षक), 171वीं बटालियन के स्वर्गीय रमेश चंद (मुख्य आरक्षक), उपमहानिरीक्षक अमित लोढ़ा, 122वीं बटालियन के सहायक कमांडेंट विवेक रावत, 171वीं बटालियन के सहायक उप निरीक्षक राजेंद्र कुमार, मुख्य आरक्षक महावीर सिंह, मुख्य आरक्षक सज्जन सिंह, 9वीं बटालियन के आरक्षक अरुण कुमार, 122वीं बटालियन के आरक्षक जगजीत सिंह, आरक्षक रामधन गुर्जर, आरक्षक विजय कुमार और 50वीं बटालियन के आरक्षक अभिजीत कुमार सिंह शामिल हैं.