Knowledge: देश की पहली AC ट्रेन को कैसे किया जाता था ठंडा, जानिए क्या थी उसकी खासियत
Advertisement
trendingNow11018830

Knowledge: देश की पहली AC ट्रेन को कैसे किया जाता था ठंडा, जानिए क्या थी उसकी खासियत

First AC Train Of India: आज हम आपको देश की पहली AC ट्रेन के बारे में बताने जा रहे हैं. इसके AC सिस्टम को जानकर आप हैरान हो जाएंगे. इस ट्रेन को लंदन के अखबार 'द टाइम्स' ने भी बेस्ट ट्रेन का टाइटल दिया था. 

प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. भारतीय रेल (India Railway) दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे सिस्टम है. देश का शायद ही कोई ऐसा नागरिक होगा जो ट्रेन में न बैठा हो. आजकल तो ट्रेनों में काफी सुविधाएं हो गई हैं.  ट्रेन में कई तरह की बोगियां होती हैं. जैसे- सामान्य, स्लीपर, 3rd क्लास, 2nd क्लास और 1st क्लास. इसके अलावा समय के साथ और भी कई तरह की बोगियां भारतीय रेलवे से जुड़ती गईं. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि देश की वो कौन सी ट्रेन थी जिसमें सबसे पहले AC बोगी का इस्तेमाल किया गया था और इसकी शुरूआत कैसे हुई थी?

  1.  ट्रेन 72 घंटे में सफर पूरा करती थी
  2. 1928 में शुरू हुई थी लेकिन 1934 में जोड़ा गया AC कोच
  3. महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस ने भी किया था इस ट्रेन में सफर

93 साल पहले शुरू हुई थी ट्रेन

बता दें कि देश की पहली एसी ट्रेन का नाम फ्रंटियर मेल (Frontier Mail Train) है. इस ट्रेन ने अपना सफर आज से  93 साल पहले 1 सितंबर 1928  को शुरू किया था. पहले इस ट्रेन को पंजाब एक्सप्रेस के नाम से जाना जाता था. लेकिन 1934 में जब इसमें AC कोच जोड़ा गया तो इसका नाम बदलकर फ्रंटियर मेल रख दिया गया. ये बेहद खास ट्रेन थी. उस जमाने की ये राजधानी जैसी ट्रेनों जैसा महत्व रखती थी.

ये भी पढ़ें: जज पर लगा ऐसा गंभीर आरोप, सुनकर हाई कोर्ट भी सन्न; तुरंत किया सस्पेंड

ऐसे किया जाता था ट्रेन को ठंडा

आपको बता दें फ्रंटियर मेल के AC ट्रेन को ठंडा रखने के लिए आज-कल की तरह आधुनिक उपकरणों को इस्तेमाल नहीं किया जाता था, बल्कि एक खास तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया जाता था. दरअसल, उस समय ट्रेन को ठंडा रखने के लिए बर्फ की सिल्लियों का इस्तेमाल किया जाता था. एसी बोगी को ठंडा करने के लिए बोगी के नीचे बॉक्स रखा जाता था. उस बॉक्स में बर्फ रखकर पंखा लगाया जाता था. इस पंखे के सहारे से ये यात्रियों को ठंडक पहुंचाता था.

मुंबई से अफगान बॉर्डर तक चलती थी ट्रेन

ये ट्रेन मुंबई से अफगान बार्डर, पेशावर तक चलती थी. तब इस ट्रेन में अंग्रेज अफसरों के अलावा स्वतंत्रता सेनानी भी ट्रैवल किया करते थे. ट्रेन दिल्ली, पंजाब और लाहौर होते हुए पेशावर तक पहुंचती थी. फ्रंटियर मेल 72 घंटे में ये सफर पूरा करती थी. इस दौरान पिघले हुए बर्फ को अलग-अलग स्टेशनों पर निकाल कर भरा जाता था. ये ट्रेन अपने आप में बेहद खास थी क्योंकि इसमें बैठकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस और राष्‍ट्रपिता महात्मा गांधी नें ट्रैवल किया था.

ये भी पढ़ें: चुनावी मंच से ओवैसी बोले- ...तब तक मुसलमानों की आंखों में आंसू रहेंगे

कभी लेट नहीं होती थी ट्रेन

इस ट्रेन की खासियत थी कि ये कभी लेट नहीं होती थी. 1934 में शुरू होने के 11 महीने बाद जब ट्रेन लेट हुई तो सरकार ने कार्रवाई करते हुए ड्राइवर को नोटिस भेजकर जबाव तलब किया था. 1930-40 तक इस ट्रेन में 6 बोगियां होती थीं. तब इसमें 450 लोग सफर किया करते थे. यात्रा के दौरान फस्ट और सेकंड क्लास यात्रियों को खाना भी दिया जाता था. इतना ही नहीं यात्रियों को न्यूज पेपर, बुक्स और ताश के पत्ते एंटरटेनमेंट के लिए दिए जाते थे. आजादी के बाद ये ट्रेन मुंबई से अमृतसर तक चलाई जाने लगी. 1996 में इसका नाम बदलकर ‘गोल्डन टेम्पल मेल’ कर दिया गया.

LIVE TV

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news