Railway Station Name Change: यूपी में 3 रेलवे स्टेशनों के नाम बदले, जानें क्या रखा गया नया नाम?
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Railway Station Name Change: यूपी में 3 रेलवे स्टेशनों के नाम बदले, जानें क्या रखा गया नया नाम?

UP Stations Name Change: यूपी में तीन रेलवे स्टेशनों के नाम बदल गए हैं. ये तीनों स्टेशन प्रतापगढ़ (Pratapgarh) जिले के हैं. आइए जानते हैं कि इन तीनों रेलवे स्टेशनों का क्या नाम रखा गया है?

Railway Station Name Change: यूपी में 3 रेलवे स्टेशनों के नाम बदले, जानें क्या रखा गया नया नाम?

Pratapgarh Station Name Change: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के तीन रेलवे स्टेशनों के नाम बदल दिए गए हैं. प्रतापगढ़ (Pratapgarh) रेलवे स्टेशन अब मां बेल्हा देवी धाम प्रतापगढ़ जंक्शन (Belha Devi Dham Pratapgarh Junction), अंतू (Antu) रेलवे स्टेशन अब से मां चंद्रिका देवी धाम अंतू (Maa Chandrika Devi Dham Antu) और बिशनाथगंज को शनिदेव धाम बिशनाथगंज के नाम से जाना जाएगा. यहां के देवी-देवताओं के नाम इन तीन स्टेशनों के नाम में जोड़ दिए गए हैं. आप अगर इन स्टेशनों की यात्रा करने वाले हैं तो ध्यान रखें कि इन स्टेशनों का नाम बदल गया है. हालांकि, स्टेशन के नाम में और नाम जोड़ा गया है, पर कुछ भी हटाया नहीं गया है.

नए नाम के लिए नोटिफिकेशन जारी

एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय रेल मंत्रालय से पहले ही इन तीन रेलवे स्टशनों का नाम बदलने को लेकर मंजूरी मिल गई थी. अब रेलवे बोर्ड ने भी इसके लिए औपचारिक नोटिफिकेशन जारी किया है. अब प्रतापगढ़ जंक्शन, अंतू और बिशनाथगंज का नाम बदल गया है. इन तीनों स्टेशनों के नए नाम मां बेल्हा देवी धाम प्रतापगढ़ जंक्शन, मां चंद्रिका देवी धाम अंतू और शनिदेव धाम बिशनाथगंज हैं.

किसने भेजा नाम बदलने का प्रपोजल?

जान लें कि प्रतापगढ़ के सांसद संगम लाल गुप्ता ने इन स्टेशनों के धार्मिक महत्व के आधार पर प्रतापगढ़ जंक्शन, अंतू और बिशनाथगंज रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने के लिए केंद्रीय रेल मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा था. अब इन तीनों रेलवे स्टेशनों में वहां के देवी-देवताओं का नाम जोड़ दिया गया है.

कुंडा हरनामगंज का नाम बदलने का प्रस्ताव

गौरतलब है कि इससे पहले साल 2020 में कौशांबी के सांसद विनोद सोनकर ने सरकार को प्रस्ताव भेजा था कि कुंडा हरनामगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर कृपालु महाराज के नाम कर देना चाहिए क्योंकि यह जगद्गुरु कृपालु महाराज का जन्मस्थान है. हालांकि, ये प्रस्ताव अभी तक मूंजर नहीं हुआ है. मंत्रालय में ये प्रस्ताव अभी विचाराधीन है.

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