Brij Bhushan Singh: कैसरगंज से भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने यूडब्ल्यूडब्ल्यू से डब्ल्यूएफआई की सदस्यता रद्द होने के लिए तीन पहलवानों बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक को जिम्मेदार ठहराया.
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Brij Bhushan Singh: कैसरगंज से भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने यूडब्ल्यूडब्ल्यू से डब्ल्यूएफआई की सदस्यता रद्द होने के लिए तीन पहलवानों बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक को जिम्मेदार ठहराया. बृजभूषण ने शनिवार को एक निजी कालेज में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि सदस्यता रद्द होने के लिए ये प्रदर्शन करने वाले पहलवान जिम्मेदार हैं, जिन्होंने कुश्ती और देश के पहलवानों के साथ मजाक किया है.
उन्होंने कहा, ‘‘आज बहुत दुखद स्थिति है कि चुनाव न हो पाने के लिए भारत पहली बार यूडब्ल्यूडब्ल्यू (यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग) से प्रतिबंधित हुआ है. यदि इस समस्या का शीघ्र समाधान न हुआ तो भारत को बड़ा नुकसान होगा. एशियाई खेलों, ओलंपिक खेलों और विश्व चैम्पियनशिप में भारत के ध्वज तले कोई भी पहलवान कुश्ती नहीं लड़ सकेगा. ’’
बृजभूषण ने कहा कि डब्लूएफआई का अध्यक्ष कौन होगा, यह कुश्ती महासंघ तय करेगा, न कि कोई खिलाड़ी. उन्होंने कहा, ‘‘हरियाणा में आज मतदान करवा लीजिए, फिर देखिए कौन किसका समर्थन करता है? मैंने जनवरी में चुनाव कराने की कोशिश की थी. लेकिन, आपको पता है कि मेरे ऊपर क्या-क्या आरोप लगाए गए? इसके बाद सरकार ने मुझसे कुछ दिन तक कुश्ती से दूर रहने को कहा. इसके बाद भी मैंने चार बार चुनाव कराने की कोशिश की, लेकिन, हर बार कोई न कोई अवरोध उत्पन्न होता रहा.’’
बृजभूषण ने कहा, ‘‘यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने इस बार स्पष्ट चेतावनी दी थी कि 45 दिन के अंदर अगर चुनाव नहीं होता है, तो भारत की सदस्यता रद्द कर दी जाएगी. अन्ततः यही हुआ.’’ उन्होंने कहा, ‘‘पहले गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश दिया. इसके बाद पंजाब उच्च न्यायालय ने ऐसा ही आदेश दिया. आप सबको पता होगा कि उत्तर प्रदेश से मैं और मेरा बेटा करण सिंह मतदाता थे, लेकिन खिलाड़ियों की मांग पर मैने बेटे समेत स्वयं को इससे अलग कर लिया, लेकिन फिर भी चुनाव नहीं हो पाया. इसका परिणाम देश के सामने है. ’’
सांसद ने कहा, ‘‘ खेल मंत्रालय के कहने पर मैंने खुद को कुश्ती से अलग कर दिया. अब न तो मैं और न मेरे परिवार का कोई भी सदस्य इसका हिस्सा है. अब वे यह मांग करने लगें कि मैं भारत की नागरिकता छोड़ दूं, तो यह मेरे लिए संभव नहीं है. ’’
(एजेंसी इनपुट के साथ)