राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने को मंजूरी दे दी है. इससे पहले यह विधयेक संसद के दोनों सदनों में पास कराया गया था.
Trending Photos
नई दिल्लीः जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को लेकर आज रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी अपने संबोधन में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा हटाए जाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने पर सरकार के फैसलों के बारे में देश की जनता को बताएंगे.
Prime Minister Shri @narendramodi will be addressing the nation at 8 PM today.
— PMO India (@PMOIndia) August 8, 2019
बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने को मंजूरी दे दी है. इससे पहले, जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांटने और आर्टिकल 370 के प्रावधानों को हटाने संबंधी विधेयक को केंद्र सरकार ने दोनो सदनों में बहुमत से पारित करा लिया. राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद अब यह विधेयक कानूनी रूप से लागू किया जा सकेगा.
आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया, ‘‘भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 के खंड 1 के साथ पठित अनुच्छेद 370 के खंड 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए राष्ट्रपति संसद की सिफारिश पर यह घोषणा करते हैं कि छह अगस्त 2019 से उक्त अनुच्छेद के सभी खंड लागू नहीं होंगे... सिवाय खंड 1 के.’’
ये भी पढ़ें: धारा 370 और 35ए को केंद्र सरकार ने किया धराशाई, कश्मीरी पंडितों में जगी वतन वापसी की आस
गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने का प्रस्ताव पेश किया था. दिनभर चर्चा के बाद उसी दिन यह विधेयक राज्यसभा में पारित भी हो गया था.
शाह ने मंगलवार को इसी विधेयक को लोकसभा में पेश किया. लोकसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 भारी मतों के साथ पारित हो गया था.. विल के पक्ष में 367 वोट डले जबकि विपक्ष में 67 वोट पड़े. दोनों सदनों से बिल पास होने के बाद राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था. बुधवार को राष्ट्रपति ने बिल पर हस्ताक्षर कर दिए.